लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से जंग जीतने के लिए इससे दो कदम आगे की सोच रखे जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों विशेष रूप से दिल्ली में कोविड-19 की सेकेण्ड वेव को देखते हुये प्रदेश में पूरी सतर्कता बरती जाए। उन्होंने कोविड-19 से बचाव व उपचार की प्रभावी व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
श्री योगी ने अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा करते हुये कहा कि कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को निरन्तर जागरूक किया जाए। इस कार्य में उपयोग किए जा रहे पब्लिक एड्रेस सिस्टम को और सक्रिय किया जाए। कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने के लिए गृह, ग्राम्य विकास, नगर विकास, राजस्व, स्वास्थ्य तथा औद्योगिक विकास विभागों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए।
उन्होने कहा कि लोग मास्क को अनिवार्य रूप से लगाएं, इसके लिए प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी विभिन्न संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ एक बैठक करें। उन्होंने मास्क न पहनने वालों पर प्रवर्तन की कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की चेन को तोड़ने में मेडिकल टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश में टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रतिदिन किए जाने वाले मेडिकल टेस्ट में एक तिहाई आरटीपीसीआर तथा शेष दो तिहाई टेस्ट रैपिड एण्टीजन विधि से हों।
श्री योगी ने काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा सर्विलांस सिस्टम को सुदृढ़ बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्य से आने वाले लोगों की प्रभावी काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए। रेलवे स्टेशन तथा एअरपोर्ट पर कोरोना के दृष्टिगत स्क्रीनिंग की जाए। एम्बुलेंस सेवा को पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रतिदिन सुबह कोविड चिकित्सालय में तथा शाम को इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में अनिवार्य रूप से बैठक आहूत कर कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव को विभागवार बजट आवंटन तथा उसके सापेक्ष व्यय की गई धनराशि की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके पश्चात वे स्वयं विभागीय बजट के उपभोग की स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने धान क्रय केन्द्रों के संचालन की स्थिति की नियमित समीक्षा किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को क्रय केन्द्रों पर अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न होने पाए।