जयपुर, नागौर में दो दलित युवकों को बन्धक बना कर मारपीट करने व आपत्तिजनक वीडियो बनाने की घटना का मुद्दा सोमवार को राज्य विधानसभा में उठा जहां विपक्षी भाजपा व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के विधायकों ने सरकार से जवाब की मांग करते हुए सदन से बर्हिगमन किया।
आरएलपी के विधायक नारायण बेनीवाल ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद ऐसा लगता है कि संवेदनशील व जवाबदेह प्रशासन की बातें करने वाले सत्ता में बैठे लोग अपने प्रशासनिक अधिकारियों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा कर ऐसी घटनाएं करवा रहे है।
उन्होंने इस मामले में नागौर के पुलिस अधीक्षक को तुरंत हटाने (एपीओ करने) व दोनों पीड़ितों को थानागाजी प्रकरण की तरह मुआवजा दिलाने की मांग गी। उन्होंने सरकार से सदन में इस पर चर्चा करवाने का आग्रह किया।
आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग ने भी यह मामला उठाया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व देरी से एफआईआर दर्ज करने वाले अधिकारियों के निलंबन की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में बयान दे।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हल्की धाराएं लगाईं।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने शून्य काल में इस मामले पर और चर्चा कराने से इनकार कर दिया।
आरएलपी और भाजपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से बहिर्गमन कर गए।
दलित युवकों के साथ मारपीट की यह घटना 16 फरवरी की है जो पांचौड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत करणू गांव में मोटरसाइकिल की सर्विस एजेंसी पर हुई। एजेंसी के लोगों ने दो युवकों पर चोरी का आरोप लगाते हुए उनसे बर्बरता से मारपीट की। एक पीड़ित के निजी अंगों पर पेट्रोल लगाया गया। इसका वीडियो भी बना लिया।
इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।