अयोध्या, उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिये भूमि पूजन की तारीख का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर छोड़ दिया गया है।
मंदिर निर्माण के लिये गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में शनिवार को भूमि पूजन की तारीख समेत अन्य बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में करीब चार घंटे चली बैठक के बाद महामंत्री चंपत राय ने पत्रकारों को बताया कि भूमि पूजन के लिये कुछ तिथियां सुझायी गयी है लेकिन देश और देश की सीमाओं की परिस्थितियों के साथ कोरोना महामारी के संकट को देखते हुये इस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय पर छोड़ दिया गया है।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी हालात को ध्यान में रखकर तारीख पर अंतिम फैसला देंगे। इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिये प्रधानमंत्री के आने के कार्यक्रम में कम से कम 15 दिन तो लगेंगे ही। जब कार्यक्रम तय हो जायेगा, तो आठ दस रोज पहले इसे मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक कर दिया जायेगा।
इस बीच विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि भूमि पूजन के लिये बैठक में 29 जुलाई,तीन अगस्त और पांच अगस्त की तारीख सुझायी गयी है। इनमें तीन या पांच अगस्त को भूमि पूजन होने की अत्यधिक संभावना है। बैठक में यह भी चर्चा हुयी कि मंदिर तीन गुंबद के बजाय अब पांच गुबंद का होगा और मंदिर की ऊंचाई 161 फिट होगी।
बैठक पहले रामलला मंदिर परिसर में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुये आयोजन स्थल सर्किट हाउस में किया गया। बैठक में ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास,महासचिव चंपत राय, बीएसएफ के सेवानिवृत्त डीजी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा प्रभारी रहे केके शर्मा,सदस्य डा अनिल मिश्रा,अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी,अयोध्या राजा बृजेन्द्र मोहन मिश्र, मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा,आईजी संजीव गुप्ता,एसएसपी आशीष तिवारी ने भाग लिया। इसके अलावा ट्रस्ट के सदस्य के पराशरणन,पाथ देवानंद सरस्वती और स्वामी विश्व प्रसन्नजीत वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिये बैठक में हिस्सा लिया।
सूत्रों ने बताया कि भूमि पूजन की तारीख तय होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में भाग लेने के लिये निमंत्रण पत्र भेजा जायेगा।
उन्होने बताया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास को लेने विहिप के महासचिव चंपत राय खुद मणिदास छावनी गये। सूत्रों का कहना है कि मंदिर से संबंधित किसी भी जानकारी को साझा नहीं करने से मंहत नृत्य गोपाल दास सरकार और जिला प्रशासन से नाराज थे। उनका कहना था कि मंदिर निर्माण को लेकर भूमि समतलीकरण,खुदाई के दौरान मिले अवशेष अथवा मंदिर निर्माण से जुड़ी जानकारी उनको नहीं बतायी जाती है और न ही उनसे कोई राय मशवरा लिया जाता है।