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लॉकडाउन में शराब की दुकान खोलने को लेकर लिया गया ये फैसला

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा लॉक डाउन के दौरान शराब दुकान खोलने के लिए नियम प्रक्रिया तय करने के लिए गठित कमेटी को आज निरस्त कर दिया।

न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की डबल बेंच ने इस बारे में दाखिल जनहित याचिकाओं पर आज अंतिम सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के लॉकडाउन के समय मे शराब नही बेचने के आदेश को आधार मानते हुए दिए निर्णय में कहा कि इसके बाद बेवरेज कारपोरेशन द्वारा गठित कमेटी का कोई औचित्य नही रह जाता।अदालत ने इसके साथ ही याचिका निराकृत कर दी।

दरअसल केन्द्र सरकार के 25 मार्च से लाकडाउन लागू किए जाने के बाद राज्य में पहले शऱाब की दुकाने 31 मार्च तक बन्द करने के आदेश जारी किए गए।इसके बाद इसे 07 अप्रैल तक बढ़ाया गया।इसी दौरान रायपुर में तीन लोगो की मेडिकल स्प्रिट पीने से हुई मौत और कुछ और प्रकरणों का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार ने शराब दुकाने खोलने के लिए नियम प्रक्रिया तय करने के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी।

शराब दुकाने खोलने की राज्य सरकार द्वारा दिखाई गई तत्परता पर सवाल उठाते हुए इसकी जोरदार आलोचना शुरू हो गई।विपक्षी दलों के साथ ही सोशल मीडिया में भूपेश सरकार की मंशा पर जोरदार सवाल उठाए गए।लोगो ने सोशल मीडिया में उन कारणों पर भी सवाल उठाए जिसे दर्शाते हुए कमेटी गठित की गई। लोगो ने भूपेश सरकार को विधानसभा चुनावों में उसके द्वारा राज्य में पूर्ण शराबबंदी के किए वादे को भी याद दिलाया और उसकी मंशा पर सवाल उठाए।

आखिरकार लगातार दबाव के आगे झुकते हुए राज्य के आबकारी विभाग को देशी एवं विदेशी शराब की दुकाने 14 अप्रैल तक बन्द करने का आदेश जारी करना पड़ा।