बुंदेलखंड को लेकर ये है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना
March 1, 2020
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुंदेलखंड को लेकर क्या सोंचतें हैं, क्रांतिवीरों की इस धरती को लेकर उनका क्या सपना है ? इसका खुलासा उन्होने चित्रकूट मे किया।
किसानाे को स्वावलंबी बनाकर उनकी आय बढ़ाने के केन्द्र सरकार के संकल्प को दोहराते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डिफेंस कारीडोर और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के जरिये क्रांतिवीरों की यह धरा खुद के साथ साथ देश का भी भाग्य बदलने को तैयार हो चुकी है।
श्री मोदी ने 14848़ 09 करोड़ की लागत वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में कृषक उत्पादक संगठन (एफबीओ) के जरिये बुंदेलखंड का किसान न सिर्फ अपनी फसल बोयेगा बल्कि कुशल व्यापारी की तरह मोलभाव कर अपनी फसल का उचित दाम भी प्राप्त करेगा।
उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानो से जुड़ी नीतियों को नयी दिशा दी और उसे किसानो की आय के साथ जोड़ा। किसान द्वारा बोई जाने वाली फसल की लागत में कमी लाने और उत्पादन बढ़ाने के लिये पिछले पांच वर्षों में कई अहम फैसले लिये गये। न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना करने,सायल हेल्थ कार्ड,यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग और अधूरी पड़ी सिंचाई योजनाओं को पूरा कर किसान को स्वालंबन की ओर प्रेरित किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य की योगी सरकार एक्सप्रेस रफ्तार से काम कर रही है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे इसका उदाहरण है। एक्सप्रेस वे के बनने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे जिसके चलते यहां के युवाओं को अन्य जिलों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। यूपी डिफेंस कारीडोर और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे समूचे बुंदेलखंड की तस्वीर बदल देंगे।
उन्होने कहा कि बुंदेलखंड को क्रांतिवीरों की धरती के तौर पर जाना जाता रहा है। डिफेंस कारीडोर के पूरा होने के बाद इसे युद्ध के साजोसामान के लिये भी पूरी दुनिया में जाना जायेगा। देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और मेक इन इंडिया के सपने को पूरा करने में यह क्षेत्र अहम भूमिका अदा करेगा। सरकार ने डिफेंस कारीडोर के लिये बजट में 3700 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।
श्री मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और डिफेंस कारीडोर क्षेत्र के अस्तित्व में आने के बाद रोजगार के अभूतपूर्व अवसर पैदा होंगे। इसका फायदा लघु और मध्यम उद्योगों को भी मिलेगा जिसका सीधा असर यहां के लाेगों की आय पर होगा। ये दाेनाे परियोजनायें पर्यटन को भी बढावा देने में सहायक होंगी। प्राकृतिक सौंदर्य के साथ भगवान राम की तपोभूमि ने देश को मर्यादा और संस्कार दिये है।
उन्होने कहा कि पहले की सरकारों में बुंदेलखंड के नाम पर हजारों करोड़ रूपये के पैकेज आते तो थे लेकिन उनका लाभ किसानो को नहीं मिल पालता था लेकिन अब हालात जुदा हैं। दिल्ली से निकलने वाली पाई पाई अब उसके हकदार को मिल रही है।
एक साल पहले किसान सम्मान निधि योजना को जब शुरू किया गया था, तब लोगों ने मन में इसे लेकर तमाम आशंकायें थी लेकिन योजना की सफलता के बाद अब इसे विस्तार दिया गया है। किसानो को बैंकों से आसान ऋण मिले, इसके लिये इसे किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जा रहा है। किसान अब साहूकार पर निर्भर नहीं रहेगा। उसे महंगे ब्याज के झंझट से मुक्ति मिलेगी। बैंक से सस्ता और आसान ऋण मिलने से उसे अब इधर उधर नहीं भागना पड़ेगा।
श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अब स्वैच्छिक कर दिया गया है। पहले बैंक से लोन लेने वाले किसानो को इस योजना से जुड़ना पड़ता था। इसके बावजूद योजना के लिये किसानो की संख्या बढ रही है। पिछले तीन साल में 13 हजार करोड़ के प्रीमियम के बदले 56 हजार करोड़ की दावा राशि का भुगतान किया जा चुका है। वास्तव में यह योजना किसानो के लिये वरदान साबित हुयी है।
उन्होने कहा कि केन्द्रीय बजट में किसानो की आय बढाने के लिये 16 सूत्रीय कार्यक्रम बनाया गया है जिसमें आधुनिक भंडार गृह,पंचायत स्तर पर कोल्ड स्टोरेज और पशु चारा समेत कई योजनाये शामिल की गयी है। फल,सब्जी, दूध जैसे जल्द खराब होने वाली सामग्रियों को त्वरित गति से गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने के लिये किसान रेल की घोषणा की गयी है।
श्री मोदी ने कहा कि देश भर में तेजी से बढ रही ग्रामीण हाटों की परंपरा आने वाले समय में कृषि अर्थव्यवस्था के नये केन्द्र के तौर पर स्थापित होगी जिसके जरिये किसान अत्याधुनिक तकनीक की बदौलत अपने उत्पाद को देश दुनिया में बेच सकने में समर्थ होंगे।
उन्होने कहा कि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्राें में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये जल जीवन मिशन की शुरूआत हो चुकी है। अभियान के तहत 15 करोड़ परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये काम किया जा रहा है। सरकार ने इसकी जिम्मेदारी स्थानीय ग्रामीणों को ही दी है। केन्द्र सिर्फ उनको पैसा उपलब्ध करायेगा।