नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ आज वीडियो लिंक पर बैठक में यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य संघर्ष तुरंत रोके जाने, शांतिपूर्ण बातचीत से समाधान खोजे जाने और यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
श्री मोदी ने भारत और अमेरिका के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की टू प्लस टू बैठक के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ वर्चुअल बैठक में अपने वक्तव्य में कहा कि आज हमारे रक्षा और विदेश मंत्री कुछ देर बाद टू प्लस टू बैठक में मिलेंगे। उससे पहले हमारी यह मुलाकात उनकी बातचीत को दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल सितम्बर में उनकी वाशिंगटन यात्रा के वक्त श्री बाइडेन ने कहा था कि भारत-अमेरिका साझीदारी बहुत सी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है। उन्होंने कहा,“मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ। विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में, हम स्वाभाविक साझीदार हैं। और पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबधों में जो प्रगति हुई है और जो गति आयी है, आज से एकदशक पहले भी, शायद ऐसी कल्पना करना मुश्किल था।”
श्री मोदी ने कहा कि आज की हमारी बातचीत ऐसे समय पर हो रही है जब यूक्रेन में स्थिति बहुत चिंताजनक बनी हुई है। कुछ सप्ताह पहले तक, 20 हजार से अधिक भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए थे। काफ़ी मेहनत के बाद, हम उन्हें वहां से सकुशल निकालने में सफ़ल हुए, हालाँकि एक छात्र ने अपना जीवन खो दिया। उन्होंने कहा,“इस पूरे घटनाक्रम के दौरान, मैंने यूक्रेन और रूस, दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फ़ोन पर बातचीत की। मैंने न सिर्फ़ शांति की अपील की, बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी रखा। हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है।”
श्री मोदी ने कहा कि हाल में बुचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत ही चिंताजनक थी। हमने इसकी तुरंत निंदा की और एक निष्पक्ष जाँच की मांग भी की है। हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा। उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन में आम जनता की सुरक्षा और उनको मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति पर भी महत्त्व दिया है। और हमने अपनी तरफ से दवाइयां एवं अन्य राहत सामग्री यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को भेजी है। यूक्रेन की मांग पर हम शीघ्र ही दवाइयों की एक और खेप भेज रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने श्री बाइडेन से कहा, आपने अपने कार्यकाल के शुरू में ही एक बहुत महत्वपूर्ण नारा दिया था – डेमोक्रेसीज़ कैन डिलीवर। भारत और अमेरिका की साझीदारी की सफलता इस नारे को सार्थक करने का सबसे उत्तम जरिया है।
उन्होंने कहा कि इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मना रहा है। और हम अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह भी मना रहे हैं। ऐसा विश्वास है कि भारत की अगले 25 सालों की विकास यात्रा में अमेरिका के साथ हमारी मित्रता एक अभिन्न अंग रहेगी।