सहारनपुर, योग और प्राणायाम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यदि लोग इससे जुड़े रहे तो कोरोना का वायरस पास भी नहीं फटक सकता ।
जिस प्रकार से कोरोना से बचने के लिए जागरूकता आने पर लोगो ने मास्क पहनना शुरू किया , सैनेटाइजर का इस्तेमाल करना , हाथ मिलाने के बजाए हाथ जोड कर नमस्ते करना शुरू किया वही यदि योग के साथ भी स्वयं को जोड़ा होता तो हालत इतनी भयावह नही होती ।आरोग्य योग मैडीटेशन सैन्टर के निदेशक योगी गुलशन कुमार ने कहा कि कोरोना से बचने के एक मात्र उपाय है अपने स्वयं की प्रतिरक्षा शक्ति को बढा लिया जाए। योग साधन है जिससे रोग प्रतिरक्षा शक्ति निश्चित रूप से बढती है।
योगी गुलशन कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस सीधे नाक, मुँह व फेफड़ों पर आक्रमण करता है जिससे फेफड़ों में सूजन, नाक बहना, जुकाम , खांसी , बुखार व सांस लेने में कठिनाई का सामना रोगी को करना पड़ता है। योग में नासिका को स्वास्थ्य का द्वार माना गया है जहां से प्राण सीधा हमारे फेफड़ों में पहुंचता है। नासिका शुद्धि करने के लिए यौगिक षट्कर्म मे जलनेति के बारे में बताया गया है जिसके करने से जुकाम, खांसी व सांस लेने की होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है।
जल नेति के पश्चात कपाल भाति का अभ्यास करना चाहिये जिससे नासिका के भीतर से रूका हुआ जल का अंश बाहर निकल जाने पर नासिका शुद्ध हो जाती है। प्राणमय कोष को अधिक मजबूत बनाता है प्राणायाम । इम्यूननिटी प्रतिरक्षण शक्ति है और यह जितनी अधिक मजबूत होती है उतना बीमारियों से बचा जा सका है । इसके अलावा अनुलोम विलोम , सूर्य भेदन , भस्त्रिका और योग गोमुखासन, ताडासन, भुंजगासन , धनुरासन आदि निश्चित रूप से प्रतिरक्षा शक्ति को बढाते हैं।