लखनऊ, लखनऊ के इस इलाके से तीन लुटेरोे को गिरफ्तार कर बरामद की ज्वैलरी।
सात जनवरी को बदमाशों ने हथियारों के बल पर मुंबई मुंबई के मीरा रोड स्थित “एस कुमार गोल्ड एण्ड डायमंड शॉप’’में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना के खुलासे के लिए मुंबइ के डीसीपी मीरा भायेंदर,वसई-विरार द्वारा पत्र के माध्यम से एसटीएफ से घटना में शामिल अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के लिए सहयोग मांगा गया था
उन्होंने बताया कि इसी क्रम अभिसूचना संकलन से ज्ञात हुआ कि गाजीपुर जिला स्थित एक अपराधी
जो पूर्व में कई वीभत्स घटनाओं को अंजाम दे चुका है, अपने आस-पास के जिलो के कुछ अपराधियों के साथ मिलकर एक गैंग चला रहा है, तथा प्रदेश तथा देश के विभिन्न महानगरों में डकैती तथा हत्या की घटनाएँ कर चुका है तथा और कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की योजनायें बना रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुखबिर ने बताया गया कि गिरोह के सदस्य आज लखनऊ के किसी प्रतिष्टित ज्वेलरी शॉप की रेकी करने व लूटपाट के इरादे से आने वाले हैं। इस सूचना पर एसटीएफ के निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह के नेतृत्व एक टीम गठित कर व क्राइम ब्रांच मीरा रोड, वसई विरार आयुक्तालय मुंबई के सहायक निरीक्षक व विवेचक प्रमोद बड़ाख व नवजयपेन्द्र थापा को लेकर मुखबिर के बताये स्थान पर पहुंचकर आवश्यक बल प्रयोग कर गिरोह सरगना गाजीपुर निवासी विनय कुमार सिंह उर्फ़ सिंटू सिंह , जौनपुर निवासी दिनेश और जौनपुर निवासी शैलेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ़ बब्लू मिश्र को लखनऊ के चिनहट इलाके में वासुदेवा ट्रेडर्स के सामने देवा रोड से गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से लूटे गये जेवरात और 5 लाख 27 हजार 400 रुपये के अलावा घटना में प्रयुक्त स्मिथ एण्ड वेंस्सन रिवाल्वर फैक्ट्री निर्मित .38 बोर,देशी तमंचा बड़ी संख्या में कारतूस और दो मोबाइल आदि बरामद किए। गिरफ्तार बदमाशों का एक संगठित गिरोह हैं । इसके खिलाफ अनेक मामले दर्ज हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार गिरोह सरगना विनय सिंह ने पूछताछ पर बताया कि पिता की हत्या का बदला लेने के लिए वर्ष 1991 में उदयीराम को जान से मारने की नियत से गोली मारी थी जिसमें वह बच गया था।
वर्ष 1993 में गाँव के रहने वाले प्रेम प्रजापति की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके अगले साल 1994 में पुनः उदयीराम को गाजीपुर कचेहरी में गोलीमार कर हत्या कर दी। वर्ष 1995 में भरतराम को जान से मारने की नियत से गोली मार दी थी। उसके बाद 2001 में गाजीपुर के सैदपुर कस्बे में सहकारी बैंक कर्मी से सरकारी पैसों की लूट की घटना को अंजाम दिया था। इसके अलावा उसी साल वाराणसी के जैतपुर क्षेत्र में जीवन बीमा के पैसों की लूट की घटना की थी इस लूट में शामिल उसका साथी मनोज दूबे
बाद में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।
उन्होंने बताया कि इसके अलवा गिरोह के लोगों ने उत्तर प्रदेश के अलावा देश के कई बड़े ज्वेलरी प्रतिष्ठानों को लूटने की योजना बना रखी थी, जिनमें गोवा में कैसिनों, के प्रयागराज के सुभाष चौराहे के पास स्थित ज्वेलर्स शॉप, लखनऊ के फन माल के पड़ोस में स्थित ज्वेलरी शॉप आदि। अपराध करने के तरीके के बारे में पूंछने पर बताया कि पहले गिरोह के लोग ज्वेलरी शॉप जाकर वहां की वस्तुस्थिति से अवगत होते थे। फिर गाड्र्स व कर्मचारियों से दोस्ती करने का प्रयास करते थे ताकि दुकान खुलने-बंद होने व सुरक्षा की पूरी जानकारी हासिल कर सकें। इसके बाद बाहर निकलने के पूरे रास्तों की रेकी करते थे। पुलिस की पीसीआर कहां-कहां खड़ी होती है व बैरिकेटिंग आदि की जानकारी लेकर उनका मैप पेपर पर तैयार कर घटना को अंजाम देते हैं। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश कर उन्हें मुम्बई पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर ले जाने की तैयारी कर रही है।