लखनऊ, अपनी सरकार के कार्यकाल का 19 मार्च को तीन साल पूरा करने जा रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने चुनौतियां अपार थी तो उनसे पार पाने के लिये उन्होंने काम भी शानदार तरीके से किया। कानून व्यवस्था, शिक्षा, बिजली, किसान,बु नियादी ढांचागत विकास, स्वास्थ्य, औद्योगिक निवेश, महिला सशक्तिकरण के साथ साथ युवा कल्याण को लेकर योगी आदित्यनाथ के सामने बड़ी चुनौती थी।
उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सबसे बड़ी चुनौती किसानों की कर्जमाफी थी। चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी किसानों की कर्जमाफी का वायदा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों के कर्जमाफी की घोषणा की जायेगी।
सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने उनके वायदे का मान रखा और पहली बैटक में ही इसकी घोषणा कर दी1 हालांकि केंद्र सरकार ने इस मामले में किसी भी मदद से इंकार कर दिया था। अपने सीमित संसाधनों में ही करीब दाे करोड़ छोटे और सीमांत किसानों के एक लाख तक के कर्जे माफ कर दिये। इसमें सरकार के खजाने पर 36 हजार 369 करोड़ का बोझ पड़ा।