लखीमपुर खीरी , प्रख्यात दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर वन्यजीव विहार में एक बाघिन का शव मिला है। बुधवार को नियमित गश्त के दौरान बाघिन का शव वन अधिकारियों को मिला। शुरुआती जांच से लगता है कि किसी मांसाहारी प्राणी ने उस पर हमला किया जिसके बाद संघर्ष में बाघिन मारी गई।
दुधवा बाघ अभयारण्य के क्षेत्रीय निदेशक संजय कुमार पटनायक ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ मृत बाघिन की उम्र करीब 10 साल है और उसके दांत, नाखून, खाल आदि सभी जरूरी अंग यथावत हैं। हालांकि उसके सिर और गर्दन पर गहरे घाव के निशान हैं।’’
पशु चिकित्सकों की एक टीम ने पोस्टमार्टम किया है। पाठक ने बताया कि प्रथम दृष्टया बाघिन की मौत की वजह आपसी संघर्ष लगती है। उसकी गर्दन और सिर पर किसी अन्य परभक्षी ने संभवत: चोट पहुंचाई है और उसके शरीर का कुछ भाग खाया भी गया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों के अनुसार, शुरूआती जांच के बाद मृत बाघिन का पोस्टमार्टम किया गया। बाघिन के शव के पोस्टमार्टम के लिए बनाए गए पैनल में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के पशु चिकित्सक शामिल थे।