पैदल चल पड़े लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए, सुप्रीम कोर्ट मे पीआईएल दायर
March 28, 2020
नयी दिल्ली, देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण अपने गांवों की ओर पैदल चल पड़े प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करने तथा उन्हें उपयुक्त चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने के निर्देश देने को लेकर एक जनहित याचिका शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी।
पेशे से वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने जनहित याचिका दायर करके उन प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा के प्रति न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है, जो देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांव के लिए पैदल ही चल दिये हैं। ये श्रमिक विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों और राजमार्गों पर बड़ी संख्या में झुंड में बढ़ते देखे जा सकते हैं।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी श्रमिकों के समक्ष आय का कोई साधन नहीं रहा और उन्हें कार्यस्थल छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है, लेकिन उपयुक्त परिवहन व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें पैदल ही अपने गांवों के लिए चल पड़े हैं।
याचिका में कहा गया है, “इस संकट की स्थिति के सबसे बड़े पीड़ित गरीब, अपंजीकृत प्रवासी श्रमिक हैं, जो भारत के विभिन्न बड़े शहरों में साइकिल-रिक्शा चालक, कारखाने के श्रमिक, घर में काम करने वाली नौकरानियां, नौकर, अकुशल और अर्ध-कुशल श्रमिक आदि के रूप में काम करते हैं।”
याचिका में कहा गया कि यद्यपि केंद्र और राज्य सरकारें शिकायतों के निवारण के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रही हैं। सरकार ने एक लाख 75 हजार करोड़ की योजना घोषित की है, लेकिन अपने सफर में फंसे हुए प्रवासी श्रमिक ऐसी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे।