नयी दिल्ली, कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित होने के बाद शनिवार को इस सफलता का एक बड़ा श्रेय ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को दिया और कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा बनाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी’ के विमर्श में राहुल गांधी द्वारा निकाली गई पदयात्रा ही ‘स्पष्ट विजेता’ साबित हुई है।
पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का यह भी मानना है कि इस यात्रा ने कर्नाटक में कांग्रेस के लिए ‘संजीवनी’ का काम किया और कार्यकर्ताओं में नया जोश पैदा किया, जो चुनावी जीत में मददगार रही।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस के संगठन के लिए संजीवनी रही। इस यात्रा से पार्टी संगठन और एकजुटता को ताकत मिली तथा कार्यकर्ताओं में नया जोश पैदा हुआ।’’
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा का कहना है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली गई पदयात्रा के विमर्श ने प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े विमर्श को पराजित कर दिया।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत भारतीय राजनीति में एक विशेष विमर्श के साथ आरंभ हुई, जिसका इंतजार भारत के लोग कर रहे थे। कर्नाटक में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ करीब 22 दिनों तक रही। आपको वो दृश्य याद होगा कि पिछले साल अक्टूबर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बहुत बारिश में भी राहुल गांधी का भाषण जारी रहा। मुझे लगता है कि ये दृश्य लोगों के दिमाग में मौजूद रहे।’’
उनका कहना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का संदेश कर्नाटक समेत पूरे देश में गया।
खेड़ा ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘चुनाव विमर्श की लड़ाई होती है। ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनाम भारत जोड़ो यात्रा’ के विमर्श में ‘यात्रा’ स्पष्ट विजेता है।’’
राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने पिछले साल सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी। यात्रा 30 सितंबर को चामराजनगर जिले से कर्नाटक में दाखिल हुई थी और यह करीब 22 दिनों तक प्रदेश में रही। करीब चार हजार किलोमीटर की पदयात्रा का इस साल 30 जनवरी को श्रीनगर में समापन हुआ था।