गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं से परेशान किसान अब इनसे निजात पाने के लिए नेताओं के घर या सरकारी इमारतों में सैकड़ों की तादाद में इन्हें घेर कर बंद करना शुरू कर दिया है. जहां महवाड़ गांव के लोगों ने इन पशुओं को स्कूल में बंद किया, वहीं गाजियाबाद के इनायतपुर गांव के लोगों ने पशुओं को अपने प्रधान के घर में ही बंद कर दिया है.
किसानों का कहना है ये लोग जनप्रतिनिधि हैं और यही आवारा पशुओं की समस्या का हल ढूंढे, क्योंकि आवारा पशुओं का आतंक ऐसा ही कि एक साथ-साथ बीघे के बीघे खेत चट कर जा रहे हैं. एनडीटीवी से बातचीत में किसानों ने कहा कि पिछली बार भी फसल नाम-मात्र की ही थी और इस बार भी दो बार बुवाई करनी पड़ी है. दर्जनों आवारा पशु झुंड में एक साथ निकलते हैं और पूरी फसल साफ कर जाते हैं.
किसानों का कहना है कि आवारा पशुओं से तंग आकर बड़े-बूढ़ों ने पंचायत की और तय किया कि इन्हें सरकारी इमारतों और जनप्रतिनिधियों के यहां बंद किया जाए, क्योंकि सरकार इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. किसान कहते हैं कि, नगर निगम के लोग आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए आने वाले थे, लेकिन कोई नहीं आया. मजबूरी में हम लोगों ने खुद आवारा पशुओं को पकड़ा. फिलहाल तो अभी इनके चारा-पानी की व्यवस्था भी खुद ही कर रहे हैं.