लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने लखनऊ स्थित 1342.05 एकड़ क्षेत्र में फैले कृषि प्रक्षेत्र अटारी का निरीक्षक करते हुए कहा कि बिजली की बचत के लिये सभी नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाय।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निधि के 1342.05 एकड़ क्षेत्र में फैले कृषि प्रक्षेत्र अटारी, माल, लखनऊ का निरीक्षण कर वहां के क्रिया कलापों के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि बिजली की बचत के लिये सभी नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाय।
राज्यपाल ने कृषि निदेशक को निर्देश दिए कि 250 एकड़ की ऊसर भूमि पर लगे बबूल के पेड़ वाले भू-भाग पर कृषि विशेषज्ञों की टीम से सर्वे कराकर ऊसर भूमि को उपचारित कर कृषि योग्य बनाया जाये तथा इस कार्य को दो साल के अन्दर पूरा किया जाए। उत्तर प्रदेश वन निगम बबूल के पेड़ों की नीलामी करायेगा, जिससे होने वाली आय को सैनिक पुनर्वास निधि में जमा किया जाये। उन्होंने निधि की आय अन्य स्रोतों से बढ़ाने की सम्भावनाओं पर विचार करने को कहा। राज्यपाल ने अटारी कृषि प्रक्षेत्र का सीमांकन स्थानीय तहसील से करवाकर अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों का निरन्तर अनुश्रवण हो जिससे कार्य समय सीमा के अंदर पूरा हो सके।
राज्यपाल ने मलिहाबाद में आम उत्पादक पद्मश्री कलीम उल्लाह की अब्दुल्लाह नर्सरी का भी भ्रमण किया और वहां आम का एक पौधा रोपित किया। अब्दुल्लाह नर्सरी के संस्थापक श्री कलीम उल्लाह ने राज्यपाल को उत्पादित आम की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी दी तथा आम एवं अमरूद के पौधे भेंट किये।
सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निधि के सचिव बिग्रेडियर रवि ने राज्यपाल को अवगत कराया कि इस प्रक्षेत्र की कृषि भूमि पर 75 एकड़ क्षेत्र में कृषि कार्य जिसमें धान, गेहूं, सरसो, मसूर आदि की खेती, 61.50 एकड़ में बागवानी तथा 1150 एकड़ ऊसर युक्त भूमि पर वन क्षेत्र (विलायती बबूल) है। यहां पर सिंचाई के लिए सात नलकूल हैं, जिसमें एक नलकूप सौर ऊर्जा से संचालित है। इस प्रक्षेत्र से वर्ष 2019-20 में कुल 9.69 लाख रूपये की शुद्ध आय हुई है।