नया फीचर 1 जुलाई से लागू हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि रजिस्टर्ड डिवाइसेज पर ऑथेंटिकेशन के मौजूदा साधनों- उंगली के निशान और आंख की पुतलियों- के साथ चेहरे की पहचान का विकल्प जुड़ जाएगा। इतना तो स्पष्ट है कि चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक के साथ ही आएगा।
न्यूज एजेंसी ने यूआईडीएआई के हवाले से बताया, ‘यह सुविधा उन लोगों के समेकित सत्यापन में मदद करेगी जिनके बोयोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन में फिंगरप्रिंट की दिक्कतों, बुढ़ापे या कठिन कार्य करते रहने की वजह से समस्या आती है।’ इनके अलावा, जरूरत के आधार पर भी नई सुविधा पाने की अनुमति दी जाएगी।