नयी दिल्ली , केंद्रीय बिजली मंत्री ने बिजली क्षेत्र में व्यापक बदलाव के संकेत दिये हैं।
केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि प्रस्तावित विद्युत अधिनियम संशोधन के साथ बिजली क्षेत्र में व्यापक बदलाव के लिए देश तैयार है।
मंत्री आर के सिंह ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बिजली क्षेत्र बुनियादी ढांचे के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है जिसकी देश की अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास में अहम भूमिका है। बिजली मंत्रालय ने देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के व्यापक उद्देश्यों के तहत विद्युत अधिनियम-2003 में संशोधन के लिए विद्युत अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2020 के रूप में एक मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है।
उन्होंने किसी प्रकार के संदेह अथवा विरोधाभाषों को दूर करते हुए बिजली क्षेत्र में प्रस्तावित सुधारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा ,“ हम राज्य विद्युत नियामक आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के अधिकार कम नहीं कर रहे हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित सुधारों का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।
बिजली दर निर्धारण को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि टैरिफ निर्धारण के अधिकार राज्य विद्युत नियामक आयोगों के हाथों में ही है। उन्होंने जोर दिया कि प्रस्तावित बिजली सुधारों का उद्देश्य उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्यों को सब्सिडी प्रदान करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है क्योंकि राज्य जितनी चाहें उतनी सब्सिडी दे सकते हैं लेकिन उन्हें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से अग्रिम भुगतान करना होगा ताकि डिस्कॉम मजबूत रहे और वितरण बुनियादी ढांचे को बनाए रखने में सक्षम हो।