विश्वविद्यालय को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने के लिये, उप राष्ट्रपति ने दिये ये सुझाव
April 28, 2019
चंडीगढ़ , उप राष्ट्रपति एम वैंकया नायडू ने कहा है कि सीनेट तथा फैकल्टी को अन्य गतिविधियों पर ध्यान देने के बजाय केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर पूरा ध्यान केन्द्रित करना चाहिये ताकि विश्वविद्यालय को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जा सके।
विश्वविद्यालय के 68वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर नायडू ने आज कहा कि आप सभी महानुभावों के बीच आकर प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं । अविभाजित भारत के लाहौर शहर में, सन् 1882 में स्थापित इस विश्वविद्यालय की समृद्ध शैक्षणिक और वैचारिक परंपरा रही है।विभाजन के बाद 1956 में यह विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में स्थानान्तरित कर दिया गया। आधुनिक भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक, यहविश्वविद्यालय उस क्षेत्र में स्थित है जिसने शताब्दियों तक मानव सभ्यता को विकसित होते देखा है।
उन्होंने कहा कि तक्षशिला जैसे प्राचीन शिक्षण संस्थानों ने सदियों तक पीढ़ियों को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित किया है। इस विश्वविद्यालय की ख्याति को रूचि राम साहनी और शांति स्वरूप भटनागर जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने संवारा । इस विश्वविद्यालय ने हमारे राष्ट्रीय जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयालशर्मा, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तथा स्व. इंद्रकुमार गुजराल , विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ,पूर्व आईएएस एन.एन. वोहरा तथा प्रथम महिला आईपीएस किरण बेदी, नोबल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर हरगोविंद खुराना, प्रो. यशपाल, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, डॉ. दीपक पेंटल, न्यायमूर्ति हंसराज खन्ना जैसी अनेक प्रतिष्ठित हस्तियों ने इसी विवि से शिक्षा ग्रहण कर, समाज और राष्ट्रीय जीवन योगदान दिया है।