उन्नाव बलात्कार मामले को लेकर, सुप्रीम कोर्ट ने दिये ये विशेष निर्देश
September 6, 2019
नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के उन्नाव बलात्कार मामले को लेकर, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ विशेष निर्देश दियें हैं।
उच्चतम न्यायालय ने गंभीर सड़क हादसे के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उत्तर प्रदेश के उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय काे एम्स में अस्थायी अदालत स्थापित करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को पीड़िता का बयान दर्ज करने के मकसद से एम्स में अस्थायी अदालत की स्थापना का निर्देश दिया।
पीड़िता का बयान रिकॉर्ड किये बिना मामले की जांच पूरी नहीं हो सकती।
पीड़िता और उसके परिवार ने दुर्घटना के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगाेई को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगायी थी जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लिया था।
न्यायालय ने एक अगस्त को बलात्कार कांड से जुड़े चार मामले दिल्ली स्थानांतरित कर दिये और मामले की सुनवाई रोजमर्रा के आधार पर करके 45 दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को 35 लाख रुपये की अंतरिम सहायता राशि प्रदान करने का भी आदेश दिया।
न्यायालय ने बाद में मामले की जांच भी दिल्ली स्थानांतरित कर दी और जांच एजेंसी सीबीआई को जांच पूरी करने के लिए सात दिन का समय दिया था जिसे 19 अगस्त को बढ़ा कर दो सप्ताह कर दिया गया।