UP में बरसात से फसलों को बड़े नुकसान का अंदेशा

इटावा, इटावा समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मोंथा तूफान के व्यापक असर से हो रही बेमौसम बरसात से फसलों को बड़े नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है।
उप कृषि निदेशक आर.एन.सिंह ने गुरुवार को यूनीवार्ता को बताया कि जारी बरसात किसानों के लिए बहुत अधिक दुखदाई है। किसानों के खेत में पकी हुई खड़ी धान की फसल को सबसे बड़ा नुकसान का अंदेशा है क्योंकि भारी बरसात से धान की फसल के सड़ने का अंदेशा बना रहा है अगर बरसात व्यापक वाले पर होती है तो फिर धान की फसल को किसानों को काटने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा । इसके अलावा जिन किसानों ने आलू की फसल को अपने-अपने खेतों में बोया हुआ है उनको भी नुकसान होगा ।
उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले इटावा में बड़ी तादाद में बरसात हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद आज फिर से यह बरसात किसानों के लिए वाकई में बेहद दुखदाई बन पड़ी है क्योंकि इस बरसात के जरिए जो पानी खेतों में जा रहा है वह फसलों को बड़ा नुकसान करेगा ऐसी आशंकाएं बन रही है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी एम.के.सिंह का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते बे मौसम बरसात हो रही है यह यह बरसात फसलों के लिए खासी तादात में नुकसानदायक है। कृषि वैज्ञानिक तकनीकी तौर पर फसलों को उगाने की प्रक्रिया अपनाए हुए हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन कहीं ना कहीं फसलों के लिए व्यापक नुकसानदायक बन पड़ा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अवनीश दुबे का कहना है कि मोंथा तूफान के चलते आज इटावा समेत प्रदेश के कई जिलों में भारी बरसात का अलर्ट मौसम विभाग की ओर से पहले ही आया हुआ रहा है और उसी के तहत इटावा में आज सुबह से व्यापक पैमाने पर बरसात हो रही है। आज हो रही बरसात से फसलों को किस तरह का नुकसान होगा या हो रहा है इसका अनुमान तो सर्वेक्षण के बाद स्पष्ट हो पाएगा लेकिन फिलहाल कृषि विशेषज्ञों की ओर से बरसात के चलते नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
किसान सूर्यकांत का कहना है कि जिस तरह से बरसात हो रही है उससे धान की फसल को तो नुकसान होगा ही है मटर और आलू की बाई हुई फसल को भी बड़ा नुकसान होगा।
किसान श्यामवीर का ऐसा मानना है कि धान की फसल को कम से कम 20 फ़ीसदी के आसपास नुकसान का अंदेशा बना रहा है क्योंकि अभी खेतों में 50 फीसदी के आसपास धान की फसल खड़ी हुई है और जब उसे मशीन से काटा जाएगा तो कम से कम इतना नुकसान होना तय है। उनका कहना है कि धान के खेतों में कटाई के बाद आलू की बुवाई भी लेट होगी क्योंकि बरसात के कारण खेत पानी से भर जाएंगे ऐसी स्थिति में किसानों का ही नुकसान होना लाजमी है।
जिले के महेवा विकासखंड के बिजौली गांव के किसान धान के खेतों में भरे हुए बरसाती पानी को निकालने के लिए पंपिंग सेट का इस्तेमाल करते हुए देखे जा रहे हैं। आज इतनी बरसात हो गई है कि खेतों में बरसाती पानी बुरी तरह से भर गया है।
धान किसानों के खेतों में पानी भरने के बाद किसानों ने पम्पिंग सैट लगाकर अपने खेतों का पानी निकालने में किसान धान की फसल बचाने के लिए लगे हुए हैं। किसानों को फसल नष्ट होने का अंदेशा सता रहा है।
बीते दो दिनों हुई बारिश के बाद किसानों की धान व बाजरा की फसल गिरने व पानी भरने के कारण फसल नष्ट होने के अनुमान के चलते किसानों को ग्राम बिजौली में सड़क पर पम्पिंग सैट लगाकर खेत का पानी नाले में निकालते देखे जा रहे हैं क्योंकि धान की फसल में इतना पानी भरा हुआ है कि फसलें गिर गयी हैं। वहीं धान के गिरने से सड़क सड़ने का अंदेशा जता रहे हैं। इसके समय किसानों की फसल में खेतों में पके खड़े धान में पानी भरने से किसान खासे परेशान नजर आ रहे हैं। वहीं यही हाल बाजरा की फसल का है जहां किसान पके बाजरा की फसल को बचाने में पानी निकालते देखे जा सकते हैं।




