लखनऊ, श्रमिकों के परिवार के भरण पोषण के लिए चलाई जा रही सरकार की योजना का लाभ लगभग एक चौथाई श्रमिकों को मिल रहा है।
कोरोना संकट के चलते लाॅकडाउन में पंजीकृत श्रमिकों को परिवार के भरण पोषण के लिए तीन माह तक उनके खाते में एक-एक हजार रुपये भेजने की व्यवस्था की है। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में इसका लाभ केवल 14,500 ही श्रमिको मिल पाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि इस योजना में लाॅकडाउन से पूर्व 52 हजार से अधिक श्रमिक पंजीकृत थे, जबकि 14,500 ने ही नवीनीकरण कराया था। बाकी श्रमिक जब नवीनीकरण कराने पहुंचे तो ऑनलाइन के नाम पर टहला दिया गया, जिससे 37,500 श्रमिक इस योजना के लाभ से वंचित रह गए।
श्रमिक मुन्नालाल ने बताया कि उन लोगों के पास पुराने रजिस्ट्रेशन हैं लेकिन विभाग के चक्कर लगाने के बाद भी नवीनीकरण नहीं किया गया। कभी लाॅकडाउन के नाम पर टहला दिया गया तो कभी नेट न आने का बहाना बनाकर सरकारी लाभ से वंचित किया गया।
जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी संतकुमार ने बताया कि सरकार की ओर से श्रमिक के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता ऑनलाइन की गई है। लाॅकडाउन के बाद से प्रवासियों समेत सभी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन ही किए जा रहे हैं। श्रम विभाग को कोई जानकारी नहीं दी गई है। जो श्रमिक नवीनीकरण प्रक्रिया को पूरी कर रहे हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ उन्ही को दिया गया है।