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यूपी बना देश का पहला राज्य, जिसने श्रमिकों के हित मे लिया ये बड़ा फैसला

लखनऊ , श्रमिकों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय कर उत्तर प्रदेश देश का ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। कामगारों और श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के मकसद से योगी सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ के गठन का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक यह फैसला लिया गया। आयोग का गठन प्रशासकीय रूप में किया जाएगा। सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने श्रमिकों के हित में आयोग का गठन किया है। यह आयोग एक उच्च स्तरीय संस्था होगी, जिसका उद्देश्य सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र में अधिकाधिक सेवायोजन एवं रोजगार के अवसर सृजित करना एवं इसमें सतत् अभिवृद्धि करना है। इसके फलस्वरूप प्रदेश के प्रवासी तथा निवासी कामगारों व श्रमिकों को उनकी क्षमता के अनुरूप सेवायोजन एवं रोजगार दिया जा सके।

मुख्यमंत्री अथवा उनके द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री आयोग के अध्यक्ष होंगे। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री आयोग के संयोजक होंगे। आयोग के दो उपाध्यक्ष, औद्योगिक विकास मंत्री तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री होंगे। इसके अलावा, कृषि मंत्री, ग्राम्य विकास मंत्री, पंचायतीराज मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन, आयोग के सदस्य होंगे। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आयोग के सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा नामित औद्योगिक संगठनों, श्रमिक संगठनों तथा उद्योगों के विकास एवं श्रमिक हितों में रुचि रखने वाले पांच जनप्रतिनिधि भी आयोग के सदस्य होंगे। आयोग में अध्यक्ष द्वारा नामित विशेष आमंत्री सदस्य भी होंगे।

आयोग में गैर सरकारी सदस्यों में से महत्वपूर्ण औद्योगिक संगठनों के तीन एवं श्रमिक संगठनों का एक प्रतिनिधि मुख्यमंत्री द्वारा नामित किए जाएंगे, जिनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा। मुख्यमंत्री की अनुमति से इनके कार्यो के आधार पर इनके कार्यकाल को बढाया जा सकेगा अथवा कार्यकाल अवधि पूर्ण होने पर या इस अवधि के मध्य भी ऐसे नामित सदस्य कभी भी अपने पद से हटाए जा सकेंगे।

आयोग प्रदेश के कामगारों एवं श्रमिकों के लिए सेवायोजन एवं रोजगार सृजन की प्रक्रिया का क्रियान्वयन, सतत अनुश्रवण एवं मूल्यांकन करेगा। प्रदेश के कामगारों एवं श्रमिकों को प्रदेश में लागू केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की ऐसी सभी विकासोन्मुख योजनाओं जिनमें मानव श्रम का उपयोग होता है, से जोड़ा जाएगा। आयोग द्वारा सरकार की विभिन्न सरकारी योजनाओं में सृजित होने वाले रोजगार/सेवायोजन की स्थिति तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि सम्बन्धी प्रयासों का कार्यान्वयन एवं सतत अनुश्रवण किया जाएगा।

इस सम्बन्ध में विशेष रूप से राष्ट्रीय आजीविका मिशन, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, माटी कला बोर्ड, खादी एवं कुटीर उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन तथा मनरेगा का विभिन्न विभागों की निर्माण संस्थाओं के साथ कन्वर्जेंस एवं निजी औद्योगिक इकाइयों के साथ समन्वय करके अधिक से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाएगा।

इसके अलावा एकीकृत पोर्टल का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रवासी कामगारों और श्रमिकों एवं निवासी कामगारों और श्रमिकों की उनकी वर्तमान कौशल क्षमता के स्तर के सम्पूर्ण डेटा रहेगा।
उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन प्रशासनिक रूप में होगा। आयोग द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्यों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिये आयोग से सम्बद्ध एक उच्च क्षमता युक्त राज्यस्तरीय कार्यकारी परिषद/बोर्ड का गठन किया जाएगा। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त इसके अध्यक्ष तथा कृषि उत्पादन आयुक्त इसके सह अध्यक्ष होंगे।

इसके अलावा प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव कृषि विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव सिंचाई विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव नगर विकास विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव कौशल विकास विभाग तथा प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण विभाग, कार्यकारी परिषद/बोर्ड के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन विभाग इसके सदस्य सचिव होंगे।

कार्यकारी परिषद/बोर्ड द्वारा आयोग के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये समस्त डेटा बेस का संकलन एवं समुचित प्रबन्धन किया जाएगा तथा प्रदेश में रह रहे तथा अन्य प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश के प्रवासी कर्मकारों के देय हितों एवं लाभों को सुनिश्चित करने/व्यवस्था बनाने के सम्बन्ध में आयोग द्वारा दी गयी संस्तुतियों के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। आयोग की बैठक प्रत्येक माह आहूत की जाएगी तथा कार्यकारी परिषद/बोर्ड की बैठक प्रत्येक पक्ष में कम से कम एक बार आहूत की जाएगी।