लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रवासी मजदूरों को चुनौती करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार इसे स्वीकार करते हुए उन्हें नौकरी और रोजगार देने की तैयारी कर रही है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करते हुए कहा कि हमारे सामने प्रवासी श्रमिक बड़ी चुनौती हैं। अब तक नौ लाख से ज्यादा कामगारों और श्रमिकों को घर में ही पृथक-वास में भेजा गया है। इसमें से सात लाख श्रमिक पृथक-वास की अवधि पूरी कर चुके हैं। सरकार अब उन्हें नौकरी और रोजगार देने की तैयारी कर रही है।
योगी ने कहा कि पिछले चार दिन में तीन लाख से ज्यादा लोग बसों और ट्रेनों से उत्तर प्रदेश आए हैं। निकट भविष्य में 10 लाख से ज्यादा लोग और आने हैं। 20 लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी के लिए राज्य सरकार श्रम सुधार लेकर आई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम सुधार करना और उसे लागू करना जरूरी था। ये उन्हीं जगह लागू किए जाएंगे, जहां नई इकाइयां लगेंगी। इसके साथ उन पुरानी इकाइयों में भी यह लागू होगा, जहां नए श्रमिकों को रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रीन जोन में स्थित उद्योगों को शुरू कर दिया गया है। ऑरेंज जोन में भी केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक इन्हें शुरू किया जा रहा है।
योगी ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में 660 निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत आपातकालीन सेवाओं को शुरू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। यह सुविधा सभी 75 जिलों के सरकारी अस्पतालों में लागू की गई है।