लखनऊ , किसानों के लिये खुशखबरी है, उत्तर प्रदेश सरकार ने जल्द खराब होने वाले 46 फल और सब्जियों को मण्डी शुल्क से मुक्त कर दिया गया है।
इनमें आम, सेब, हरी मटर, केला, अनार, पत्ता गोभी-फूल गोभी, मौसम्बी, अंगूर, पपीता, तरबूज, संतरा, बैगन, खीरा, कद्दू, लौकी, गाजर, अरवी, अमरूद, मूली, पेठे वाला कद्दू, भिण्डी, परवल, कच्चा कटहल, करेला, किन्नू, खरबूज, शकरकन्द, चीकू, लीची, आँवला, कुन्दरू, नाशपाती, जिमीकन्द, टिण्डा, बेर, माल्टा, आड़ू, हरी लोबिया, पका कटहल, चकोतरा, लोकाट, खुबानी, ब्रोकली, सिंघाड़ा, ग्रेप फ्रूट शामिल हैं।
सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि मंत्रिमंडल की आज हुयी बैठक में उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (संशोधन), अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को मंजूरी दी गयी है। मण्डी नियमों में हुए संशोधन से इन फल व सब्जियों का व्यापार पूरे प्रदेश में निर्बाध रूप से चल सकेगा तथा ग्राम्य स्तर से किसानों से खरीद भी हो सकेगी। ऐसा करते समय मण्डी परिसर में भी इन फल व सब्जियों के विपणन की सुविधा किसानों के लिए उपलब्ध रहेगी तथा वहां आने पर उन्हें मण्डी शुल्क के स्थान पर सरकार द्वारा तय किया गया सेवा शुल्क (यूजर चार्ज) ही देना होगा।
उन्होने बताया कि मण्डी नियमों में संशोधन का यह निर्णय कोविड-19 के संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में फल-सब्जी मण्डी को विकेन्द्रीकृत कर कृषि उपज को स्थानीय स्तर पर अथवा किसानों के डोर स्टेप पर क्रय करने की व्यवस्था को आगे बढ़ाने एवं मण्डियों में भीड़ कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। यह निर्णय किसानों की आय दोगुनी करने तथा कृषक हित में बाजार को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में भी सहायक होंगे।
श्री शाही ने बताया कि मण्डी एक्ट में पहले प्राविधान था कि मण्डी के भीतर ही खरीद होगी, जिसे अब समाप्त किया जा रहा है। इससे ईज आफ डुईंग बिजनेस को भी बढ़ावा मिलेगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम में किये गये इन संशोधनों से विशिष्ट प्रकार के लाइसेंसी/व्यापारियों/विपणन स्थलों को मण्डी परिषद के बाहर ही किसानों से खरीद की व्यवस्था हो सकेगी। साथ ही वेयर हाउस एवं शीतगृह जैसे स्थानों को मण्डी घोषित करने की व्यवस्था को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।