लखनऊ, यूपी सरकार वित्तविहीन शिक्षकों पर मेहरबान हो गयी है। वह शीघ्र वित्तविहीन शिक्षकों के लिए सेवा नियमावली बनायेगी।
उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में आज प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी लम्बित मांगों के सम्बन्ध में अलग-अलग चरणों में बैठक सम्पन्न हुई।
विभिन्न चरण की बैठक में वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाये जाने के सम्बन्ध में सिद्धान्ततः सहमति बनी, जिसमें ‘अंशकालिक शिक्षक’ के स्थान पर ‘शिक्षक’ तथा उनके अनुभव की गणना का लाभ प्रदान किये जाने एवं प्रबन्ध तंत्र द्वारा शिक्षकों को न्यूनतम वेतन प्रदान किया जाना सुनिश्चित कराने के सम्बन्ध में नियमावली बनाये जाने के साथ ही वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को अन्य शिक्षकों के समान ही शिक्षक दिवस के अवसर पर सरकार द्वारा शिक्षक सम्मान दिये जाने पर भी सैद्धान्तिक सहमति बनी।
शिक्षक संघों द्वारा माध्यमिक शिक्षा की उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन, प्रश्नपत्र निर्धारण आदि के सम्बन्ध में पारिश्रमिक बढ़ाये जाने सम्बन्धी मांग पर भी सिद्धान्ततः सहमति बनी। तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण पर विचार करने हेतु सचिव, माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया, जिसमें विशेष सचिव (माध्यमिक शिक्षा), संयुक्त सचिव (माध्यमिक शिक्षा), निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सदस्य होंगे। उक्त समिति अनुदानित विद्यालयों में सी0टी0 एवं एल0टी0 गे्रड शिक्षको के आमेलन के सम्बन्ध में विसंगति पर भी विचार करेगी।
उप मुख्यमंत्री द्वारा सभी शिक्षक संघो को पारदर्शी बोर्ड परीक्षा-2019 सम्पन्न कराने में दिये गये योगदान के लिये धन्यवाद दिया गया तथा यह अपेक्षा की गयी कि परीक्षा मूल्यांकन के समय मूल्यांकन केन्द्र पर कोई बाहरी व्यक्ति प्रवश्ेा नही करेंगे। इस पर सभी संघों ने अपना पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया और सरकार को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिये धन्यवाद दिया।
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. नीरज जैन, महामंत्री डा. विनीत तथा लुआक्टा अध्यक्ष डा. मनोज पाण्डेय, महामंत्री डा. अंशू केड़िया द्वारा समय-समय पर परीक्षा के मूल्यांकन, निरीक्षण, पी.एच.डी./डी.लिट के मूल्यांकन व पेपर सेटिंग के पारिश्रमिक को बढ़ाये जाने की मांग पर भी उप मुख्यमंत्री द्वारा डिग्री कालेजों/विश्व विद्यालयों के अध्यापकों के उपरोक्त पारिश्रमिक को भी बढ़ाये जाने का प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत कर अग्रेतर कार्यवाही के निर्देश दिये।