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यूपी सरकार ने अनलाॅक-5 में किये ये बड़े परिवर्तन, इन सेवाओं मे दी छूट?

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि राज्य में सभी स्कूल और कोचिंग संस्थान शैक्षणिक कार्य के लिये आगामी 15 अक्टूबर से खोल दिये जायेंगे।

अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश पर अनलाॅक-5 की गाइडलाइन जारी कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार कन्टेनमेंट जोन के बाहर सभी स्कूल एवं कोचिंग संस्थान शैक्षणिक कार्य के लिये 15 अक्टूबर के बाद चरणबद्ध तरीके से खोले जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि यह निर्णय स्कूल व संस्थान के प्रबन्धन से विचार-विमर्श कर एवं स्थिति का आंकलन कर जिला प्रशासन द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा के लिये अनुमति जारी रहेगी और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा। इस व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे है एवं कुछ छात्र भौतिक रुप से कक्षाओं में शामिल होने के बजाए ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक है, तो उनको इसकी अनुमति दी जा सकती है।

श्री अवस्थी ने बताया कि छात्र सम्बन्धित स्कूल शैक्षणिक संस्थानों में अपने माता-पिता (अभिभावक) की लिखित सहमति से ही उपस्थित हो सकते है। इसके साथ ही स्कूल व शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की उपस्थिति बिना माता-पिता (अभिभावक) के सहमति से अनिवार्य नहीं करायी जा सकती। यह माता-पिता (अभिभावक) की सहमति पर निर्भर होगा।

उन्होंने बताया कि स्कूल व शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिये स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सावधानियों के सम्बन्ध में शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल, शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, केन्द्र सरकार के आधार पर स्थानीय आवश्यकताओं को मद्देनजर रखते हुए जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों को खोलने के लिये अनुमति दी जाएगी उनके द्वारा अनिवार्य रुप से शिक्षा विभाग द्वारा जारी प्राविधानों का अनुपालन किया जाएगा। श्री अवस्थी ने बताया कि महाविद्यालयों व उच्च शिक्षा संस्थानों के खोलने के समय का निर्धारण उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा गृह मंत्रालय, केन्द्र सरकार की सहमति एवं वर्तमान स्थिति का आंकलन करते हुए किया जाएगा। ऑनलाइन व दूरस्थ शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाएगा व इसे प्राथमिकता दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा-संस्थानों जिनमें केवल पी0एच0डी0 शोधार्थियों तथा परास्नातक के छात्रों जिनको विज्ञान एवं तकनीकी विधाओं में प्रयोगशाला सम्बन्धी कार्यों की आवश्यकता पड़ती हो, को 15 अक्टूबर से खोलने की अनुमति गाइडलाइन अनुसार रहेगी। केन्द्र द्वारा वित्त पोषित उच्च शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख स्वयं आंकलन करेंगे कि उनके संस्थानों में शोधार्थी एवं परास्नातक छात्रों जोकि विज्ञान एवं तकनीकी विधाओं से हो, को प्रयोगशाला सम्बन्धी कार्यों की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थान जैसे कि शासकीय निजी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों को केवल शोधार्थी एवं परास्नातक विज्ञान एवं तकनीकी विद्यार्थियों के प्रयोगशाला सम्बन्धी कार्यो के लिए खोलने के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार के अनुसार गाइडलाइंस का पालन किया जायेगा।

श्री अवस्थी ने बताया कि तरण-तालों को खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिये युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले निर्धारित मानकों के अनुसार 15 अक्टूबर से खोले जाने की अनुमति होगी। कन्टेन्मेंट जोन्स के बाहर सिनेमा, थिएटर व मल्टीपैलेक्स को अपनी निर्धारित दर्शकों के बैठने की क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत तक लोगों के बैठने के लिये सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले निर्धारित मानकों के अनुसार, 15 अक्टूबर से खोले जाने की अनुमति होगी। उन्होंनें बताया कि मनोरंजन पार्क एवं ऐसे स्थलों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले निर्धारित मानकों के अनुसार 15 से खोले जाने की अनुमति होगी। कन्टेन्मेंट जोन के बाहर प्रदर्शनी को वाणिज्य विभाग, केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले निर्धारित मानकों के अनुसा 15 अक्टूबर से खोले जाने की अनुमति होगी ।

श्री अवस्थी ने बताया कि कन्टेनमेंट जोन के बाहर सभी सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, साँस्कृतिक, धार्मिक व राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों को, अधिकतम 100 व्यक्तियों के लिए शुरू करने की अनुमति पूर्व में ही दी जा चुकी है। 100 से अधिक व्यक्तियों के लिए अनुमति कन्टेनमेंट जोन के बाहर, किसी भी बन्दस्थान यथा हॉल व कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत लेकिन अधिकतम 200 व्यक्तियों तक को फेस मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्केनिंग व सेनेटाइजर एवं हैण्ड वॉश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ होगी। उन्होंने बताया कि किसी भी खुले स्थान/मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के अनुसार फेस मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्केनिंग व सेनेटाइजर एवं हैण्ड वॉश की उपलब्धता की अनिवार्यता होगी।