लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से संचालित एम्बुलेंस सेवाओं ने वर्ष 2019 में रिकार्ड 72 लाख से अधिक लोगों को मदद देते हुए आकस्मिक मौकों पर एम्बुलेंस सेवा देकर उनकी जान बचाने का काम किया है। यह आंकड़े एक जनवरी 2019 से 25 दिसंबर 2019 तक के हैं। इसमें 108, 102 और एएलएस सेवाएं शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 108 सेवा ने 2301785 मरीजों को अस्पताल पहुंचा कर जान बचाई है। इनमें 241392 सड़क दुर्घटनाओं के थे। वहीं हृदय रोग, डायबिटीज, सांस के मरीज, पेट दर्द, गर्भावस्था सहित अन्य प्रकार के इमजरेंसी केस शामिल हैं। 108 सेवा की एंबुलेंस ने इन आकस्मिक मौकों पर गोल्डन ऑवर में मरीजों को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई।
इसी तरह 102 एंबुलेंस सेवा जिसे मदर चाइल्ड सर्विसेज भी कहा जाता है उसने बीते एक वर्ष में करीब 4873055 मरीजों को मदद दी। इस सेवा में प्रदेश में 2270 एंबुलेंस चल रही हैं। इनसे घर से अस्पताल लाने (पिकअप) के 2274753 अस्पताल से घर छोड़ने (ड्रॉप बैक) के 2543343 व आईएफटी (इंटर फैसिलिटी ट्रांसफर) के 54959 लाभार्थी शामिल हैं। 102 सेवा गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल ले जाती है और अस्पताल से घर भी छोड़ने जाती है। साथ ही एक वर्ष तक की आयु के बच्चों को भी नि:शुल्क सेवा इसके माध्यम से दी जाती है।
सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश में अति गंभीर मरीजों को सेवाएं देने के लिए एएलएस एम्बुलेंस सेवा से 86748 मरीजों की मदद की गई। इनमें रोड एक्सीडेंट, हार्ट अटैक, सांस रोग, बेहोशी, गर्भावस्था के जटिल मामले, प्वाइजनिंग आदि के गंभीर रोगी शामिल हैं। एएलएस सेवा में इन सभी मरीजों को रास्ते में प्राथमिक उपचार देते हुए उच्च अस्पताल पहुंचाया और उनकी जान बचाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने एएलएस सेवा 13 अप्रैल 2017 को शुरू की थी। वर्तमान में इस सेवा में प्रदेश में 250 एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं नि:शुल्क 108 एंबुलेंस सेवा उत्तर प्रदेश में 14 सितंबर 2012 को शुरू हुई थी। 108 एंबुलेंस से शुरूआत से अब तक 1.36 करोड़ से अधिक मरीजों को सेवाएं दी गई हैं।