लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान परिषद संविधान दिवस पर एक दिन के विशेष सत्र की समाप्ति के बाद अनिश्चतकाल के लिये स्थगित हो गई।
इस विशेष सत्र में विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समता, बंधुता ने हमारे संविधान को पूरे विश्व में मजबूत किया है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा कि पार्टी अलग है और सरकार अलग। हमने भारतीय जनता पार्टी एंबुलेंस सेवा नाम से कोई योजना नहीं शुरू की। मैं रामराज्य का समर्थक हूं। यह देश गांधीजी के रामराज्य पर चलता है। हम उसको ही लेकर चल रहे हैं।
श्री योगी ने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकरजी के विरोध के बावजूद अनुच्छेद 370 का नियम बनाया गया था। लेकिन उस समय की सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उसके बाद लागतार कश्मीर की स्थित खराब होती गई। अनुच्छेद 370 हटाने की कार्रवाई को किसी ने पूरा करने की हिम्मत नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वो हिम्मत दिखाई। जम्मू कश्मीर में भी देश का कानून लागू होगा। यह विकास के लिए जरूरी था। पाक अधिकृत कश्मीर के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि वह भी भारत में होगा। जम्मू कश्मीर अब सच में भारत का स्वर्ग होगा।
उन्होंने ने कहा कि यहह वर्ष उत्तर प्रदेश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण था। देश में कई गठबंधन होने के बावजूद भाजपा सरकार पर लोगों ने भरोसा किया। पहले एक्सप्रेस वे भी खेल होता था। हमने पीएफ घोटालें पर कर्मचारियों से वादा किया हैए हम कर्मचारियों का पैसा पूरा वापस करेंगे। साथ ही जो भ्रष्ट हैं उनपर कार्यवाही भी होगी। उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 47 लाख लोगों को उज्वला योजना के अंतर्गत गैस सिलिंडर मिले हैं। एक करोड़ 16 लाख लोगों को बिजली का कनेक्शन दिया है। 1 करोड़ 80 लाख गांवों तक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से आने वाले जानते है कि दिमागी बुखार से पहले क्या हाल था। हजारों लोगों की मौत होती थी। लेकिन कुछ किया नहीं जाता था। स्वच्छ भारत अभियान ने उस पर रोक लगाई। बीमारी से मरने वाले अल्पसंख्यक समुदाय व दलित समुदाय से थेए जिनको सत्ता में रहने वालों ने सिर्फ वोट बैंक बना दिया था। लेकिन पहले की सरकारों ने कभी भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
भोजनावकाश के बाद विशष सत्र की चर्चा में भाग लेते हुये बसपा नेता दिनेश चन्द्रा ने कहा आज का दिवस हमारे लिये हर्ष का विषय है आज का एक दिवसीय सत्र संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैए जिसको बनाने में हमारे परम पूज्य बाबा साहब डा0 बी0 आर0 आम्बेडकर का बहुत बड़ा योगदान था और उसी संविधान की बदौलत हम लोग इस सदन के सदस्य बने है। बाबा साहब ने पिछडो को आगे बढ़ाने और सम्मान दिलाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
चर्चा में भाग लेते हुये शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि इस संविधान को 70 साल पहले
संविधान सभा में इसे अंगीकार किया था । संविधान की उद्देषिका में ही सारा संविधान निहित है। आज हम कर्तव्यों की बात कर रहे है तो कर्तव्य अधिकार के बिना अधुरे है और कर्तव्य भी बिना अधिकार के अधुरे है। चर्चा में भाग लेते हुये निर्दलीय समूह के नेता राज बहादुर सिंह चन्देल ने कहा कि आज मुझे संविधान की उद्देषिका पर चर्चा करने का अवसर मिला है। बड़े हर्ष का विषय है संविधान के तीन स्तम्भ है न्यायपालिकाएविधायिका और कार्यपालिका। विधायिका में भी लगातार गिरावट आ रही है। कार्यपालिका में भी लगातार गिरावट आ रही है। नौकरशहो का दबदबा बड़ा है। नौकरशाह
निरंकुश हो रहे है।
इस दौरान अपना दल के आशीष पटेल ने कहा कि बाबा साहब आम्बेडकर के कारण ही हमारे समाज के लोग आज कल डाक्टर और इंजिनियर बन पा रहे है। उन्ही के कारण मैं इस सदन का सदस्य बन पाया हूॅ।
सपा की श्रीमती लीलावती कुशवाहा ने कहा कि बाबा साहब के कारण ही महिलाओं को सम्मान मिला है आधी आबादी को अपना अधिकार मिला है।
बसपा के सुरेष कश्यप, भाजपा के स्वतन्त्र देव सिंह, सपा के शतरूद्र प्रकाश, शिक्षक दल के हेमसिंह पुण्डीर, सपा के सुनील कुमार साजन, बसपा के धर्मवीर सिंह अशोक, भाजपा के डा0 महेन्द्र सिंह, सपा के आन्नद भदौरिया, सपा के डा0 राजपाल कश्यप, संजय मिश्रा अदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
उसके बाद नेता सदन डा0 दिनेश शर्मा ने चर्चा पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि आज हमने राजेन्द्र बाबू, बाबा साहब बी आर आम्बेडकर एवं संविधान सभा को याद किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने धारा 370 को हटाने का कार्य किया है। लोग कहते थे कि इसको हटाने पर खुन की नदियाॅ बह जायेंगी जबकि वास्तविक्ता सबके सामने है कि इस परिपेक्ष में किसी को खरोच तक नहीं आयी देश और देश का संविधान सुरक्षित हाथों में है।
तत्पश्चात डा0 यज्ञ दत्तशर्मा एवं लक्ष्मण प्रसाद आर्चाय द्वारा प्रस्तुत किये गये राजपाल महोदया के धन्यवाद
प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया। उसके बाद सभी सदस्यों ने संविधान के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुये मूल कर्तव्यो की शपथ ली तथा राष्ट्रगान के बाद विधान परिषद की बैठक अनिश्चित काल के लिये स्थगित हो गई।