देखिये यूपी पुलिस की रिश्वत का रेट कार्ड, किससे कितना वसूला और किस-किसमें बंटा
May 18, 2018
लखनऊ, यूपी पुलिस मे भ्रष्टाचार किस स्तर पर पहुंच गया है इसका अब अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। अब सोशल मीडिया पर पुलिस का बकायदा रेट कार्ड वायरल हुआ है। यूपी पुलिस किससे कितना वसूलती है और किस-किसको बंटता है, यह सब कुछ रेट-कार्ड मे है।
पुलिस महकमे के ही एक शख्स ने अपने सहकर्मियों की करतूत के बारे मे बताया है कि महकमे में किस तरह से रिश्वतखोरी फल-फूल रही है।कैसे यूपी पुलिस पैसों के लिए कारोबारियों को परेशान करती है। ह्वाट्स ऐप पर बाकायदा रेट कार्ड जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि त्योहारों के मौके पर पुलिस किन- किन व्यापारियों और कारोबारियों से कितना धनउगाही करती है।
सूत्रों के अनुसार, पैसों के बंटवारे को लेकर पुलिस विभाग के कुछ लोग आपस में ही भिड़ गए। पुलिसकर्मी एक दूसरे पर आरोप लगाते- लगाते आक्रामक हो गए और उनमें से किसी एक ने रिश्वतखोरी के रेट कार्ड को यूपी के डीजीपी को ह्वाट्स ऐप कर दिया। डीजीपी ने इस संबंध में नोएडा के एसएसपी को जांच करने के आदेश दिए।
ह्वाट्स ऐप में लिखे गए संदेश में स्पष्ट तौर पर जिक्र है कि होटल मालिकों, कारोबारियों को कितना पैसा देना है। बात यहीं खत्म नही होती है ह्वाट्स ऐप पर यह भी बतीया गया है कि ये रिश्वत की रकम किस अनुपात में किन किन लोगों तक जाती है। भ्रष्टाचार का ये आरोप यूपी पुलिस के 18 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप पर लगा है।
ह्वाट्स ऐप पर बाकायदा रेट कार्ड जारी किया गया है। उसमें बताया गया है कि त्योहारों के मौके पर किस तरह से इलाके के व्यापारियों से कारोबारियों से धनउगाही करती है। ह्वाट्स ऐप में लिखे गए संदेश में स्पष्ट तौर पर जिक्र है कि होटल मालिकों, कारोबारियों को कितना पैसा देना है। रिश्वत की ये रकम किस अनुपात में किन किन लोगों तक जानी है। भ्रष्टाचार का ये आरोप 18 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप पर लगा है।
डीजीपी के आदेश के बाद नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतम ने कहा कि ये गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि अगर इसमें किसी तरह की सच्चाई है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ये जानने की कोशिश की जा रही है। इसमें कहां तक सच्चाई है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्धनगर ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का हिस्सा रहे 18 अफसरों का ट्रांसफर कर दिया है।