लखनऊ, सीएए का विरोध कर रहे इन उपद्रवियों की तलाश में यूपी पुलिस कर रही है। विरोध प्रदर्शना में अब तक 15 प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हो चुकी है, वहीं लखनऊ समेंत पूरे प्रदेश में 350 उपद्रवि हिरासत में लिये जा चुके हैं। जिसमें सर्वाधिक संख्या सूबे की राजधानी लखनऊ से है।
बता दें की, लखनऊ में अब तक 201 उपद्रवी गिरफ्तार हो चुकें है और साथ ही अभी उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस प्रशासन व जिम्मेदार नागरिक लगे हुए है। ऐसे में अभी और उपद्रवियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। गौरतलब है कि, लखनऊ लगभग पूरे शहर में सीसीटीवी का जाल बिछा हुआ है, वहीं निजी संस्थानों के सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
नागरिकता संशोधन कानून सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटनाओं में अब तक 15 की मौत हो चुकी है। 350 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई जिसमें सबसे ज्यादा 201 उपद्रवी लखनऊ से गिरफ्तार किए गए हैं।
शनिवार को भी इन जिलों में पुलिस हाई अलर्ट पर है और इंटरनेट सेवा बाधित रखी गई है। हिंसा में चिह्नित अराजक तत्वों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जिलों में उग्र प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान पथराव व आगजनी की घटनाएं बेकाबू हो जाने के बाद कई स्थानों पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।
इन प्रदर्शनों में शुक्रवार को 15 लोगों की मौत हो जाने की सूचना है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस संख्या की पुष्टि नहीं की जा रही है। हिंसक झड़पों में सबसे ज्यादा पांच लोगों के मारे जाने की सूचना मेरठ से प्राप्त हो रही है।
इसके साथ ही कानपुर, बिजनौर व फिरोजाबाद में दो-दो तथा संभल, मुजफ्फरनगर, वाराणसी व संभल में एक-एक प्रदर्शनकारी की मौत होने की सूचना है। इससे पहले गुरुवार को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बारे में पुलिस का कहना है कि वह प्रदर्शनकारियों की ही गोली से मारा गया है।
डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कुछ जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सुनियोजित रूप से पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया एवं वाहनों में तोड़फोड़ की। इन घटनाओं में 38 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।