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यूपी: बैंक अभियान चलाकर स्ट्रीट वेंडर्स को कर्ज उपलब्ध करायें

लखनऊ , उत्तर प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम से प्रदेश की अधिक से अधिक एमएसएमई ईकाइयों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये है और कहा है कि बैंक अभियान के जरिये स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण उपलब्ध करायें।

अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा नवनीत सहगल ने कहा कि केन्द्र सरकार इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत लोन के सापेक्ष 100 फीसदी गारंटी उपलब्ध करा रही है, तब बैंकों को ऋण वितरण में संकोच नहीं होना चाहिए। इस योजना में निजी बैंकों को भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। जब तक इकाइयाें को समय से ऋण उपलब्ध नहीं हो पायेगा, तब तक योजना का मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

उन्होने बैंकर्स को स्ट्रीट वेंडर्स के लिए घोषित योजना के संबंध में अवगत कराते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने इसके सफल क्रियान्वयन के लिये ई-पोर्टल विकसित किया है। उत्तर प्रदेश सरकार भी प्रदेश के सभी स्ट्रीट वेंडर्स को चिन्हित कर चुकी है। ऐसी स्थिति में अभियान चलाकर सभी पात्र वेंडर्स को ऋण दिया जाना चाहिए।

डा0 सहगल ने कहा कि पिछले साल एमएसएमई ने लक्ष्य से ज्यादा उपलब्धि हासिल की है। एमएसएमई राज्य की इकोनाॅमी बढ़ाने के साथ ही लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराती है। इण्डस्ट्री से मिली फीड बैक के अनुसार बैंकों द्वारा लोन देने में ज्यादा कागजी कार्यवाही की जा रही है, इससे ऋण स्वीकृत होने में काफी विलम्ब हो रहा है। लगभग 30 प्रतिशत इकाइयां कैश क्रंच के कारण पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। इनको समय से मदद देना बैंकर्स की प्राथमिकता होनी चाहिए।

बैठक में बैंकर्स द्वारा अवगत कराया कि अब तक 3.32 लाख इकाइयों को ऋण स्वीकृति पत्र जारी किया जा चुका है। इनमें से 1.35 लाख इकाइयों को 3442 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है। यह भी अवगत कराया गया कि कई इकाइयों द्वारा ऋण स्वीकृत होने के पश्चात भी लोन नहीं ले रही है। सभी बैंकर्स ने आश्वस्त किया कि निर्धारित तिथि तक सभी पात्र इकाइयों को लोन स्वीकृत कर दिया जायेगा। इस पर डा सहगल ने कहा कि ऐसी इकाईयों की सूची उपलब्ध कराई जाय। उद्योग विभाग के माध्यम से उनका फालोअप कराकर ऋण वितरण कराया जायेगा।