रोजी-रोटी का संकट मंडराने पर मजबूत बनकर खड़ी हुईं यूपी की चांदनी

कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में विकास खंड मोतीचक के ग्राम पंचायत भैंसही निवासी 22 वर्षीय चांदनी सिंह ने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और कोरोना महामारी व लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी का संकट मंडराने पर मजबूत बनकर खड़ी हुईं।

समूह का गठन किया और गांव की 14 महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई में प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा। एनआरएलएम की मदद से उन्हें कपड़े सिलने के ऑर्डर भी मिलने लगे हैं। सभी महिलाओं की अब आय होने लगी है। चांदनी ने बताया कि मेरे पिता सुबाष सिंह की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण परिवार का भरण पोषण ठीक से नहीं हो पा रहा था। मैं पढ़ाई के दौरान एक निजी स्कूल में पढ़ाने पढ़ाने लगीं, ताकि घर की माली हालत सुधर सके लेकिन कोरोना काल में नौकरी छूट गयी। छह बहनों में चौथी नम्बर की हूं। बड़ी बहन की शादी किसी तरह हुई है। एक छोटा भाई है। पिता व परिवार की जिम्मेदारी हम बहनों पर ही निर्भर है।

मैंने ब्लॉक से स्वयं सहायता समूह के बारे में जानकारी ली। गांव की 14 महिलाओं को साथ जोड़ा। लक्ष्य स्वयं सहायता समूह का गठन कर छोटी-छोटी बचत शुरू की।

ब्लॉक के एडीओ आईएसबी प्रमोद कुमार से रोजगार के लिए सम्पर्क किया तो उन्होंने खाता खोलवा दिया। सिलाई पहले से जानती थी। मशीन खरीदकर महिलाओं को प्रशिक्षित किया। अब सभी महिलाएं कपड़े सिलने लगी हैं।

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