नई दिल्ली,उरी हमले को तीन साल हो चुका है। जले हुए बैरक आज भी उस दिन की याद को ताजा करा रहे हैं। 18 सितंबर 2016 के बाद से इस बैरक और यहां के आसपास के लोगों की पूरी जिंदगी बदल चुकी हैं। उरी में चलने वाली गाड़ियों को आज भी मॉनिटर किया जा रहा है जबकि रात में उस इलाके से आम लोगों का गुजरना मना है।
असल में 18 सितंबर 2016 को आंतकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद के 4 आतंकवादियों ने सुबह 5 बजकर 30 मिनट के करीब भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वॉटर्स पर एक बड़े हमले को अंजाम दिया था। इस हमले मे भारत मां के 19 वीर जवान शहीद हो गए थे। माना जाता है कि बीते 2 दशक में ऐसा पहली बार हुआ था जब भारतीय सेना पर आंतकियों ने इस तरह के किसी हमले को अंजाम दिया है।
हमला जिस समय हुआ उस वक्त घाटी में अशांति थी। असल में हिजबुल मुजाहिदीन का मशहूर आतंकी बुरहान वानी भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में 8 जुलाई 2016 को ढेर हो गया था। इसके बाद से ही घाटी सुलग रही थी और आंतकी परेशान थे। आतंकी इसका बदला लेना चाहते थे और इसी का फायदा उठाकर आतंकवादियों ने उरी हमले को अंजाम दिया। हालांकि, हमले के दौरान भारतीय सेना ने भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
भारतीय सेना पर हुए इस हमले से देश बैचेन हो उठा, सभी के मन में आतंकियों से बदला लेने के आग धधक रही थी। सरकार भी लोगों की भावनाओं को समझ रही थी। सरकार की तरफ से कहा गया कि जवानों की वीर शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
सबको तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो बयान याद आ रहा था,जब उन्होंने कहा था, ‘अब आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान से लव लेटर लिखकर बात नहीं होगी, बल्कि आंख में आंख डालकर बात होगी।’ हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबूत भी देने की कोशिश की लेकिन अपने बेपरवाह आदत से बाज न आने वाला पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं था।
केंद्र सरकार मौन थी और वह आंतकियों को मुहतोड़ जवाब देने के फिराक में थी, वह भी ऐसा जवाब की जिसे आतंकवादी कभी भूले नहीं। पीएम मोदी ने भी कहा था, ‘मैं राष्ट्र को विश्वास दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।’ हमले के ठीक 11 दिन बाद (29 सितंबर) भारत ने जो कदम उठाया वह दुनिया के लिए मिसाल बन गया। भारतीय सेना ने आतंकियों के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। सेना के पैरा कमांडोज ने पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकियों के कई ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
आतंकियों पर भारतीय सेना के हुई इस बड़ी कार्रवाई के बाद पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना। दुनिया की निगाह भारत को देखने की पूरी तरह से बदल गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के देशों को समझ में आया कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कितना बदल चुका है और अगर कोई उसकी तरफ आंख उठाकर देखने का प्रयास भी करेगा तो, भारत अब मुहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा।
इससे पहले कई मौकों पर भारत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से आतंकियों पर कार्रवाई करने को कहता रहा है, लेकिन पाकिस्तान और उसकी सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे और वह हर बार कार्रवाई करने से इनकार करते रहे। भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अलग- थलग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर मात देते हुए 2016 नवंबर में हुई 19 वीं सार्क समिट की बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया। भारत के इनकार के बाद भूटान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश भी बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। भारत की पाकिस्तान के खिलाफ की गई इस कूटनीतिक कार्रवाई के बाद दुनिया के देशों के समझ आ गया कि भारत अब बदल चुका है और यह एक ‘नए हिंदुस्तान’ के रूप में उभर रहा है।
केंद्र सरकार ने इसके बाद से अपने रक्षा तंत्र को और मजबूत करना शुरू कर दिया। कूटनीतिक कार्रावाई के बाद पाकिस्तान बौखला उठा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को पछाड़ने का प्रयास करता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई और दुनिया ने भी भारत का लोहा मानते हुए पाकिस्तान को आंतकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
सर्जिकल स्ट्राइक की तीसरी वर्षगांठ से पहले मंगलवार को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार भारत के क्षेत्र में किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगी और इस तरह के किसी भी कार्य से दृढ़ता से निपटने के लिए तैयार है। अमित शाह ने कहा, ‘देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। हम अपने क्षेत्र में एक इंच भी सेंध नहीं लगाने देंगे। हम इससे दृढ़ता से निपटेंगे। हम अपने सैनिकों के खून की एक भी बूंद को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।