पालीथीन-प्लास्टिक का इस्तेमाल है खतरनाक – मथुरा नगर निगम

लखनऊ, पालीथीन-प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे लिये क्यों  खतरनाक है। इसकी जानकारी आज नाट्य गीत के माध्यम से दी गई।

“गंदगी से आजादी” अभियान के अंतर्गत आज मथुरा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड जाटव बस्ती वार्ड नंबर 28 में  स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पालीथीन-प्लास्टिक से होने वाले नुकसान बताये गये साथ ही इसके सही तरीके से निस्तारण की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में बताया गया कि पालीथीन-प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है। पालीथीन-प्लास्टिक न तो डिकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है। इनके टुकड़े पर्यावरण में जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक होते हैं। इसके अलावा, सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जिससे ग्राउंड वॉटर लेवल में कमी आती है। इसलिये सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्थान पर यदि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग पाया गया तो तत्काल जुर्माना लगाया जाएगा।

नाटक के माध्यम से बताया कि नियम के अनुसार अगर कोई व्यक्ति प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करता है, उसे नदी, नालियों, सड़कों, झीलों, तालाबों में फेंकता है तो उसके ऊपर 1000 रुपए का जुर्माना लगेगा। अगर यही काम किसी संस्था की तरफ से किया जाता है तो जुर्माना 25000 रुपए हो जाएगा।

वहीं, सरकार ने जुर्माना और जेल भेजने का नियम भी बनाया है। पॉलीथिन या थर्मोकोल के प्रोडक्ट के इस्तेमाल और बेचने पर छह महीने की जेल या 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। गलती अगर दोबारा होती है तो जुर्माना एक लाख और जेल की सजा एक साल की हो सकती है।

 

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