लखनऊ, उत्तर प्रदेश वीमेन पॉवरलाइन ‘1090’ ने शुक्रवार को एक डिजिटल आउटरीच प्रोग्राम ‘हमारी सुरक्षा’ का शुभारंभ किया, जिसमें ‘1090’ डिजिटल रूप से लोगों तक पहुंचेगा।
अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) नीरा रावत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में डिजिटल चक्रव्यूह (महिला सुरक्षा के लिए 360 डिग्री इकोसिस्टम) के लिए एक डिजिटल आउटरीच रोडमैप साझा किया। उन्होंने डिजिटल आउटरीच को लागू करने के फायदे बताते हुए आउटरीच के पारंपरिक तरीकों की कमियों की भी बात की।
उत्तर प्रदेश के लोगों में जागरूकता पैदा करने के काम को अंजाम देने के लिए क्रॉस चैनल डिजिटल रणनीति के बारे में डेटा वैज्ञानिकों की एक टीम का जिक्र करते हुये उन्होने कहा कि टीम की रणनीति ग्रामीण महिलाओं के साथ जुड़ाव, साइकोमेट्रिक प्रोफाइलिंग द्वारा अपराधियों को लक्ष्य करने, प्रेडिक्टिव एनालिसिस करने , सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने और सामान्य लोगों से जुड़ाव बढ़ाने के लिए जागरूकता पैदा करने में सहायता करेगी। उन्होंने संगठन के ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यों के बीच एकीकरण पर जोर दिया।
उन्होने कहा कि ‘1090’ में पर्याप्त तकनीकी शक्ति है और अब सेवाओं की बेहतरी के लिए ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ और ‘मशीन लर्निंग’ जैसी तकनीकों को अपनाने के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि फेसबुक का उपयोग कर एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था, और साथ ही फेसबुक प्रमोशन के अपने पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों को भी साझा किया।
एडीजी नीरा रावत ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में 66 फीसदी ग्रामीण आबादी समेत 11.16 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। यह अभियान चरणबद्ध तरीके से होगा ताकि हम सभी नेट उपयोगकर्ताओं को कवर करें और घरों में आउटरीच बढ़ाएँ।”
उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से डब्ल्यूपीएल 1090 के साथ हाथ मिलाने और सन्देश का प्रसार करने के लिए घरों, ग्रामीण, शहरी और छात्रों तक पहुंचने के अपने दृष्टिकोण कि जानकारी दी। वह अपराधियों के दिल में डर पैदा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है, लेकिन साथ ही यह भी मानना है कि समाधान ‘दिमाग को प्रभावित करने’ और एक सांस्कृतिक परिवर्तन लाने में निहित है।
एडीजी ने होलिस्टिक रीच डिस्ट्रीब्यूशन के साथ “हमारी सुरक्षा” अभियान का उद्घाटन किया। इस आयोजन कि समाप्ति ‘शंखनाद’ के साथ हुई जो कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को ‘हमारी सुरक्षा’ के साथ जुड़ने के लिए आवाहन था।