आबू रोड, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि अध्यात्म भारत की पुरातन संस्कृति है।
श्री नायडू ने ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन में सम्बोधित करते हुए कहा कि गीता स्वयं ईश्वरीय उपदेश है। महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद, संत रविदास, गुरुनानकदेव आदि महापुरुषों- संतों ने समाज को आध्यात्म के जरिए नई दिशा दी है।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान भी अध्यात्म और राजयोग ध्यान का संदेश विश्व के 140 देशों में अपने आठ हजार से अधिक सेवाकेंद्रों के माध्यम से दे रहा है। अध्यात्म से ही विश्व में एकता, शांति, समृद्धि आएगी।
उन्होंने कहा कि अध्यात्म ही धर्म का मूल उद्देश्य है। अपने अस्तित्व का वही विश्लेषण कर सकता है जो खुद से प्रश्न करना जानता हो और अपनी खोज करने में समर्थ रखता हो। जब व्यक्ति के मन में धर्म के नाम पर हिंसा और आतंक का तांडव होने लगता है तो समाज भेदभाव, संकीर्ण भावना का शिकार हो जाता है। हमें इससे बाहर निकलना होगा। जो लोकतंत्र के नाम पर आतंक फैला रहे हैं वह धर्म के विरोधी हैं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि विश्व में आतंकवाद फैला रहे देशों को अलग-थलग करना होगा, ऐसे देशों को सद्बुद्धि की जरूरत है।
श्री नायडू ने कहा कि हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है क्योंकि हमारी भावना वसुधैव कुटुम्बकम् की रही है।
आतंकवाद के विरुद्ध सभी देशों को मिलकर प्रयास करना होंगे, सभी को आगे आना होगा। पूरी दुनिया को एकसाथ आतंकवाद को खत्म करने के लिए कदम उठाने होंगे।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि दुनिया के सामने विकल्प है कि आपको अमन, सुख-शांति चाहिए या रक्तपात? सभी को इस पर विचार करने की जरूरत है। जो देश दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, रक्तपात फैला रहे हैं उन्हें सद्बुद्धि की जरूरत है।
समारोह में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आध्यात्मिकता महत्वपूर्ण और गंभीर विषय है। व्यक्ति-व्यक्ति से संबंधित है। अपनी आत्म जागृति को जागृत करना ही आध्यात्म है। पाप-पुण्य के विश्लेषण से अनुशासन की भावना जागृत होती है। इससे ही विश्व में शांति और समृद्धि आएगी। ये गौरव का विषय है कि ब्रह्माकुमारी संस्था नारी शक्ति द्वारा संचालित वैश्विक संगठन है। जो आध्यात्मिक ज्ञान से आगे बढ़ रही है और समाज को सकारात्मकता की ओर ले जा रही है।
संस्था की मुखिया दादी जानकी ने कहा कि सदा याद रखें मैं (आत्मा) कौन और मेरा (परमात्मा) कौन। हम सभी एक परमात्मा की संतान हैं। परमात्मा हम सभी आत्माओं के पिता, शिक्षक, सखा और सद्गुरु हैं। आध्यात्म के ज्ञान से ही दुनिया बदलेगी। समारोह में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने, संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, ब्रह्माकुमारी संगठन के महासचिव बीके निर्वैर और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।