आतंकी हमलों के पीड़ित और अपराधी को समान न समझा जाए: विक्रम मिसरी

टोक्यो, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार को यहां आयोजित रायसीना टोक्यो 2025 में दुनियाभर से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के समर्थन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की बुराई कोई भेदभाव नहीं करती और यह सभी लोगों को प्रभावित करती है, इसलिए जरूरी है कि आतंकी हमलों के पीड़ितों और अपराधियों को समान न समझा जाए।
इस दौरान मिसरी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था, भारत-जापान संबंधों समेत तमाम मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी 21वीं सदी में सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है।
विदेश सचिव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कहा यह दशकों तक सुचारू रूप से चली, मगर कुछ समय से अर्थव्यवस्था अज्ञात क्षेत्र में है। अनिश्चितताएं हाल के दिनों में बढ़ गईं हैं। सबसे पहले कोविड-19 महामारी का झटका आया। इसके तुरंत बाद आपूर्ति श्रृंखला में झटके आए, युद्ध और संघर्ष, बड़े, मध्यम और छोटे, और इन सबके बीच, व्यापार और प्रौद्योगिकी को पहले की तुलना में अधिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अशांत विश्व में भारत तथ्य और स्थायित्व का कारक बनने के लिए संकल्पित है। 1.4 अरब की मजबूत आबादी के साथ भारत वैश्विक पूंजी के लिए एक आकर्षक गंतव्य है। विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए विनिर्माण-आधारित विकास की दिशा में रणनीतिक बदलाव किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार रायसीना टोक्यो संवाद से इतर मिसरी ने जापान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों को आगे बढ़ाने पर गहन चर्चा की। उन्होंने अपने जापानी समकक्ष उप विदेश मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी से मुलाकात की, जहां उन्होंने भारत-जापान के बीच राजनीतिक संबंधों, रक्षा और सुरक्षा सहयोग, आर्थिक साझेदारी जैसे प्रमुख क्षेत्रों की समीक्षा की।
इसके साथ ही दोनों देशों ने वर्तमान वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। मिसरी ने जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मसाताका ओकानो और वरिष्ठ उप विदेश मंत्री हिरोयुकी नामाजु के साथ भी बैठक की। इन बैठकों में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई जो दोनों देशों के साझा हितों से जुड़ी हैं।