देश में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
April 6, 2020
नयी दिल्ली, कोविड 19 महामारी के मद्देनज़र केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आयोजित की गयी।
बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता एवं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। पहले केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक हुई जिसमें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्री भी शामिल हुए। बाद में कैबिनेट की बैठक हुई। यह पहला मौका था कि कैबिनेट की बैठक वीडियाे कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गयी। इससे पहले 25 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सात लोक कल्याण मार्ग स्थित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का ख्याल रखा गया था।
कैबिनेट की यह बैठक संक्षिप्त थी जिसमें प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों सांसदों के वेतन में एक साल तक के लिए 30 प्रतिशत की कटौती करने और सांसदाें की क्षेत्रीय विकास निधि को दो साल के लिए निरस्त करके उसे राजकोष में जमा कराने के फैसले पर मुहर लगायी गयी। सरकार ने इस बारे में अध्यादेश लाने का फैसला किया है।
श्री मोदी ने मंत्रियों को राज्य एवं जिला प्रशासन के निरंतर संपर्क में रहकर आकस्मिक समस्याओं का समाधान प्रदान करने, जिला स्तरीय सूक्ष्म योजनाएं तैयार करने, संबंधित मंत्रालयों से निरंतर निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ‘गरीब कल्याण योजना’ के लाभ निर्बाध रूप से निर्दिष्ट लाभार्थियों तक पहुंचते रहें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद में 56 सदस्य हैं जिनमें 23 कैबिनेट मंत्री, नौ राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 23 राज्य मंत्री हैं। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को एहतियात के तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाने की सलाह दी थी और बाद में हालात गंभीर होने की संभावना को देखते हुए श्री मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन का ऐलान किया था जो 14 अप्रैल तक जारी रहेगा। उनका कहना है कि बीमारी के संक्रमण के श्रृंखला को रोकने के लिए यह जरूरी है और विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए कम से कम 21 दिन चाहिए।