लखनऊ, जागरूक अधिवक्ता संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रदीप सिंह द्वारा आज सिविल कोर्ट परिसर में बैठक कर हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जबसे उ0प्र0 भाजपा की सरकार आई है तब से अधिवक्ताओं पर अराजक तत्वों द्वारा अपराधिक हमले बढ़े हैं और जिस तरीके से उ0प्र0 की अहंकारी पुलिस बार-बार अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कर उनके मनोबल को तोड़ने का प्रयास कर रही है फिर चाहे वह घटना सुल्तानपुर की हो, लखीमपुर की हो, सीतापुर की हो य गाजियाबाद की और वर्तमान में हापुड़ की। हापुड का दर्द अभी खत्म नहीं हुआ कि अराजक तत्वों द्वारा अधिवक्ता मोनू चौधरी जी उनके चैंबर में ही घुसकर गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। सरकार लगातार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही हम सभी अधिवक्ताओं ने लगातार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग सरकार से की लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
सरकार को जगाने के लिए अधिवक्ता प्रदीप सिंह के नेतृत्व में सैकड़ो अधिवक्ता सिविल कोर्ट परिसर से होते हुए पुलिस प्रशासन के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए परिवर्तन चौक तक पहुंचे करीब चार घंटे तक परिवर्तन चौक पर इस घटना के विरोध में धरने पर बैठे रहे। धरने के माध्यम से राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन पुलिस अधिकारियों को सौपा।
धरने में प्रमुख रूप से अधिवक्ता प्रदीप सिंह के अलावा विधुभूषण पाण्डेय, अनिल कुमार, विनीता पाण्डेय, सोनी बाजपेई, दीपक यादव, मोहसिन खान, विनोद सिंह, न्यूटन सक्सेना, मंदीप सिंह, विक्रम सिंह, आशुतोष सिंह चौहान, संतोष विश्वकर्मा, आमिर खान, सौरभ वर्मा, प्रखर मिश्रा सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।