मिर्जापुर , काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर प्रसिद्ध मां बिन्ध्यवासिनी मंदिर के विकास के लिए बिन्ध्य कारिडोर बनाने की योजना है।
कोरोना के संकट के चलते बंद इस योजना को मूर्त रूप देने की कवायद शुरू हो गयी है। बिन्ध्य काँरिडोर योजना पर 331 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इस मद में 200 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए प्रथम किश्त जारी भी कर दिया है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिन्ध्याचल मंडल के समीक्षा बैठक के दौरान इस योजना की जानकारी ली और अब तक काम नहीं शुरू किये जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। स्थानीय भाजपा विधायक और बिन्ध्याचल धाम के पुरोहित पंडा रत्नाकरमिश्र की भी क्लास ली गई ।काशी विश्वनाथ मंदिर का विकास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना हैं तो बिन्ध्याचल मंदिर का विकास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना ।
असल में बिन्ध्याचल मंदिर के पास दर्शन पूजन के लिए आने-जाने की सात गलियां है, जैसे कभी बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचने के लिए था। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर सफलता पूर्वक बनाने के बाद मुख्यमंत्री के पहल पर बिन्ध्य धाम की सकरी गलियों को विश्वनाथ मन्दिर के तर्ज पर बनाने की योजना बनी। इसके लिए वाकायद 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रावघान कर प्रथम किश्त जारी कर दी गई पर जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते काम नहीं बढ़ा।
मंडल की समीक्षा बैठक में बिन्ध्य कॉरिडोर योजना की प्रगति पर पूछे जाने पर जिला प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं था । हालांकि कोरोना संकट की आड से जिला प्रशासन के अधिकारी बच गये ।
माना जा रहा है कि इस योजना के बाद बिन्ध्याचल धाम एक बड़ा आध्यात्मिक केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ेगी। बिन्ध्याचल के साथ स्थानीय जल प्रपातो को आधुनिक रूप दे कर विकसित करने का भी प्रस्ताव है। इसके मूर्त रूप लेने पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
फिलहाल बिन्ध गलियों को चौड़ा करने के साथ, मां बिन्ध्यवासिनी के गर्भ गृह के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाने के लिए शीघ्र कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके लिए मुआवजा देने का कार्य शुरू किया जा रहा है। इस योजना में मिर्जापुर नगर से बिन्ध्याचल धाम तक तथा त्रिकोण परिपथ को चौड़ा करने की योजना बनाई गई है।