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यूपी में हुआ स्वास्थ्य की उपलब्धता के विषय में वर्चुअल वेबीनर का आयोजन

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में प्रजनन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीवी, फाइलेरिया और कालाजार जैसे संचारी रोगों के संबंध में एकीकृत प्रयासों हेतु विभिन्न आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्राम प्रधानों द्वारा समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य और पोषण के संबंध में की गई गतिविधियों पर आधारित एक फोटो बुक डिजिटल विमोचन भी किया गया।

इस वेबीनार में आलोक कुमार, सचिव ,मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, आलोक रंजन, पूर्व मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, देवेंद्र खड़ेत, उपनिदेशक, मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ,डॉक्टर शिबू विजन ,प्रतिनिधि पाथ डॉक्टर शारिका यूनुस ,प्रतिनिधि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम, डॉक्टर वी़ पी सिंह, अपर निदेशक, मलेरिया बोर्ड डिजीजेज, उत्तर प्रदेश ,पद्दा बुगेनिन, टीम लीड परिवार नियोजन, केयर इंडिया ,शरद प्रधान ,वरिष्ठ पत्रकार एवं निधि दुबे, सीनियर वायरस प्रेसिडेंट, हेल्थ हिस्ट्री एंव विभिन्न क्षेत्रों के सहयोगियों ने प्रतिभाग किया।

कोविड-19 महामारी के समय लोगों को अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। इसके लिए भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार प्रदेश स्तर पर भी रणनीतियों के तहत कार्य किया जा रहा है। वर्तमान समय की परिस्थितियों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रक्रिया तंत्रों को सुव्यवस्थित कैसे रखा जाए क्योंकि गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना ही स्वास्थ्य प्रणाली की सफलता को सुनिश्चित करता है।

हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण टीवी और मलेरिया से संबंधित मौत में क्रमशः 20% और 36% की वृद्धि हो सकती है। फाइलेरिया के नियंत्रण के लिए चलाए जाने वाले मार्ग ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम भी कई प्रदेशों में समय से नहीं आयोजित हो पा रहे हैं। मात्र और बाल स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सेवाओं और सुविधाओं के बाधित होने के कारण गर्भवती महिलाओं नवजात शिशुओं और किशोरों को अधिक जोखिम का सामना करना पड़ रहा है।

उपरोक्त चुनौतियों पर चर्चा और उनके समाधान के लिए ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजी द्वारा उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में प्रजनन मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य टीवी फाइलेरिया और कालाजार जैसी संचारी रोगों के संबंध में एकीकृत प्रयास हेतु वेबीनार का आयोजन किया गया।

इसलिए विनार में विभिन्न प्रदेशों में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्रों में पाई जा रही कुछ व्यस्त प्रैक्टिसेज को भी साझा किया गया। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री के कर कमलों से ग्राम प्रधानों द्वारा धार्मिक नेताओं द्वारा कम्युनिटी इंगेजमेंट लीडरशिप प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वास्थ्य और पोषण गतिविधियों को दर्शाती हुई फोटो बुक का डिजिटल अनावरण हुआ।

वेबीनार में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसी क्रम में आलोक कुमार, सचिव ,मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधा सबके लिए को चरितार्थ करने के लिए निजी संस्थाओं के महत्व के बारे में बताया। पाथ के तकनीकी निदेशक डाक्टर शिबू विजयन टीबी मरीजों की देखभाल में आने वाले और उनके समाधान पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के ई वाउचर प्रक्रिया का उदाहरण देते हुए , टीबी मरीजों को प्रदान हो रही सुविधाओं के बारे में बताया।

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुपोषण की समस्या के लिए रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज लोगों को खाद्य सुरक्षा से अधिक पोषण सुरक्षा की आवश्यकता है। अपर निदेशक मलेरिया एवं वेक्टर बोर्न डिजीजेज ,उत्तर प्रदेश, डॉक्टर बी पी सिंह ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई माह में प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए दस्तक अभियान में फाइलेरिया और कालाजार जैसी संक्रामक बीमारियों की रोकथाम को भी शामिल किया गया ।

निसंदेह जिससे इससे प्रदेश में वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त होगी ।केयर इंडिया की टीम लीड पद्य बुगिनेनी मैं कोविड-19 के समय में परिवार नियोजन को एक बहुत बड़ी चुनौती बताया। बिहार का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि नवीन दृष्टिकोण को अपनाने से परिवार नियोजन से संबंधित चुनौतियों का सामना किया जा सकता है स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस वेबीनार के महत्वपूर्ण बिंदुओं को संकलित किया जाएगा और उन पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।