नई दिल्ली, देश भर में इन दिनों ज़ोरदार बारिश हो रही है। हालात चाहे पूर्वोत्तर भारत के हो या पश्चिम भारत के, बारिश की वजह से जीवन-यापन पर असर पड़ा है। बारिश ने इस बार इंदौर शहर में 39 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहां पिछले 24 घंटे में करीब 11 इंच बारिश हुई है। रात ही रात में करीह आठ इंच पानी बरसा है।
बता दें कि इंदौर में ऐसी बारिश ने पिछले 39 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कल सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर आज यानि कि शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक लगातार बारिश पड़ी है। इससे पहले दस अगस्त 1981 को नौ इंच बारिश हुई थी। ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का है, भोपाल में तेज बारिश की वजह से कई सड़के जलमग्न हो गई है।
इसके अलावा पहाड़ों में बारिश के कारण कई सड़कें और संपर्क मार्ग टूट गए हैं। उत्तराखंड स्थित पिथौरागढ़ के बिण ब्लॉक के चैसर गांव में एक मकान गिरने से उसमें सोए दो बच्चों और पिता की मौत हो गई, जबकि मां गंभीर रूप से घायल है उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। विभाग ने मध्य प्रदेश के छह जिलों होशंगाबाद, जबलपुर,बेतुल, नरसिंहपुर, सिवनी और हरदा जिले को रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं राज्य के 12 जिले व महाराष्ट्र के कुछ इलाकों को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ओडिशा के तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरों को अगले 24 घंटों के दौरान समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग के लिए अगले 24 घंटे जबकि विदर्भ और कोंकण क्षेत्र को लेकर 48 घंटे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक शनिवार और रविवार को इन क्षेत्रों में भारी बारिश होगी। इसके साथ ही इन इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने का भी पूर्वानुमान जताया है।
बाढ़ से बिहार में स्थिति और खराब हो गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान बाढ़ से कुल प्रभावितों का आंकड़ा 82.92 लाख पर पुहंच गया है। वहीं 27 लोगों की मौत हुई है। राज्य के 16 जिलों के 130 ब्लॉक की 1322 पंचायतें पानी में डूबी हुई है। बृहस्पतिवार से शुक्रवार के दौरान प्रभावितों की संख्या में 1.13 लाख की वृद्धि हुई है। बाढ़ की मार सबसे ज्यादाद दरभंगा, मुजफ्फरनगर और गोपालगंज जिले पर पड़ी है। राज्य की ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।