लखनऊ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा को लगातार बड़ा झटका लग रहा है और हार का मुंह देखना पड़ रहा है। ऐसे में वाराणसी मे बीजेपी की लगातार हार बड़ा संकेत दे रही है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्रसंघ चुनाव में बीजेपी की छात्र संगठन का सफाया हो गया है। समाजवादी छात्रसभा के प्रत्याशी ने अध्यक्ष की सीट जीत ली है। पिछले कुछ महीनों में भाजपा को वाराणसी में दूसरा बड़ा झटका लगा है। इससे पहले एमएलसी की दोनों सीटों पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। एमएलसी स्नातक और एमएलसी शिक्षक की सीटें भाजपा से सपा ने छीन ली थी।
विद्यापीठ चुनाव में समाजवादी छात्र सभा के विमलेश यादव अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। एनएसयूआई के संदीप पाल उपाध्यक्ष और प्रफुल्ल पांडेय महामंत्री चुने गए।एबीवीपी को कोई सीट नहीं मिल सकी है। अध्यक्ष पद पर निर्वाचित विमलेश यादव ने 1859 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आलोक रंजन (1224) को 635 वोटों से हराया। उपाध्यक्ष पद पर संदीप पाल ने 2467 वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी संजय कुमार यादव (1198) को 1269 और महामंत्री पद पर प्रफुल्ल पांडेय 2360 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अभय शक्ति सिंह (1559) को 801 मतों से हराया।
इसके अलावा निर्दल आशीष गोस्वामी पुस्तकालय मंत्री पद पर निर्वाचित हुए। गौतम शर्मा -मानविकी संकाय, मिलन मोदनवाल -समाज विज्ञान, रितेश सोनकर -वाणिज्य एवं प्रबंध संकाय, दीपक पटेल -शिक्षा संकाय, सत्येंद्र कुमार -विधि संकाय, ईश्वर चंद पटेल-समाज कार्य संकाय और विशाल कन्नौजिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय के प्रतिनिधि चुने गए।
छात्रसंघ चुनाव में बीजेपी की करारी हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा ने युवा पीढ़ी के साथ धोखा किया है। भाजपा सरकार की कुनीतियों से नौजवान हताश हो गया है। मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार के अंतिम बजट में भी युवाओं के रोजगार की दिशा में कोई ठोस प्रबन्ध नहीं है। भाजपा की विध्वंसकारी नीतियों से युवाओं का पूरी तरह मोहभंग हो गया है। भाजपा की सरकार के कारण नौजवानों के भविष्य के सामने अंधेरा छा गया है। न रोजगार की व्यवस्था और न नौकरी की सम्भावना। सब कुछ नेस्तनाबूत हो गया है। विश्वविद्यालयों-कालेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी और नौजवान घोर निराशा में हैं।
उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री जी के इशारे पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रशासन द्वारा छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना हुई है। प्रयागराज में दो दिन पूर्व भर्ती विज्ञापन की मांग कर रहे प्रतियोगी छात्रों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़कर पीटा। वहीं वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शनरत छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री आवास के पास ग्राम विकास अधिकारी पद पर चयनित बेरोजगार नौजवान जिन्हें नौकरी तो मिल गयी है लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। प्रदर्शन कर रहे उन बेरोजगारों को गिरफ्तार कर उत्पीड़न किया गया। बलिया में जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में छात्रों को प्रोन्नत करने से जुड़े मुद्दे में अनियमितता को लेकर धरनारत छात्रों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अखिलेश यादव ने छात्र-नौजवानों की परेशानी का जिक्र करते हुये कहा कि सोशल मीडिया पर देश भर के छात्र-नौजवान ‘मोदी जॉब दो‘ के माध्यम से अपना आक्रोश व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर प्रकट कर रहे हैं। यह भाजपा सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों का परिचायक है। युवाओं को इस बात की सच्चाई पता चल गयी है कि भाजपा सरकार के रहते देश में रोजगार की आशा करना निरर्थक है।
बीजेपी को समाजवादी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगातार दूसरी बार हार का स्वाद चखाया है। वाराणसी भाजपा का गढ़ है। यहां की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से सांसद हैं। नगर निगम पर भी कई दशकों से भाजपा का ही कब्जा है। ऐसे में वाराणसी मे बीजेपी की लगातार हार बड़ा संकेत दे रही है।
क्या ये संकेत नही हैं कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी लगातार हार का मुंह देख रही है तो देश के अन्य भागों मे क्या हालात होंगे। क्या ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गिरती लोकप्रियता के संकेत नही हैं ?