नयी दिल्ली, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार की तुलना दूसरे विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे नेविलर चेम्बरलेन से करते हुए कहा है कि चीन हमारी ज़मीन पर जिस तरह से कब्जा कर रहा है उसे देखते हुए लगता है कि देश को केंद्र सरकार की कायरतापूर्ण कार्रवाई की कीमत चुकानी पड़ेगी।
श्री गांधी ने लद्दाख की यात्रा के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के जवानों को संबोधित करने का एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि जो व्यवहार इस मामले में केंद्र सरकार कर रही है उससे चीन के हौसले बढ़ रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने शनिवार को ट्वीट किया, “ चीन ने हमारी जमीन कब्ज़ा ली है और भारत सरकार चेम्बरलेन की तरह व्यवहार कर रही है। इससे चीन का हौसला बढ़ेगा और वह आगे बढ़ेगा। भारत को केंद्र सरकार की कायरतापूर्ण कार्रवाइयों के कारण बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है।”
श्री गांधी का गुस्सा रक्षा मंत्री के उस वीडियो से ज्यादा भड़का है जिसमें वह कह रहे हैं कि मामला हल होना चाहिए लेकिन कहां तक हल होगा, अभी इस संबंध में वह कोई गारंटी नहीं दे सकते लेकिन यह यकीन दिलाते हैं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू तक नहीं सकती है।
जिन चेम्बरलेन का जिक्र श्री गांधी ने किया है ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में वह दूसरा विश्व युद्ध टालने के लिए जर्मनी के तानाशाह हिटलर से इस विश्वास के साथ मिलने गए थे कि चेकोस्लोवाकिया मामले में समझौते के बाद जर्मनी हमला नहीं करेगा। इस संबंध में उन्होंने 30 सितंबर 1938 को म्यूनिख समझौते पर हस्ताक्षर किया लेकिन जर्मनी ने करार की धज्जियां उड़ाते हुए एक सितंबर 1939 को पोलैंड पर हमला कर दिया जिसके दो दिन बाद चेम्बरलेन ने जर्मनी से युद्ध की घोषणा कर दी और दूसरा विश्वयुद्ध शुरू हो गया।
राहुल गांधी का “चेम्बरलेन” संदर्भ पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री नेविल चेम्बरलेन का था। जिन्होंने 1930 के दशक में हिटलर और नाजी जर्मनी के प्रति तुष्टिकरण की नीति का अनुसरण किया था। इस नीति को कई लोगों ने एक बीमार सलाह के रूप में देखा था, इस नीति के तहत हिटलर को समझौतों के तहत अपने क्षेत्र का विस्तार करने की अनुमति दी। इन हिस्सों में सूडोसेनलैंड, चेकोस्लोवाकिया के जर्मन-भाषी हिस्से शामिल थे।