कानपुर, उत्तर प्रदेश के कानपुर में बर्रा क्षेत्र में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण हत्याकांड की सीबीआई जांच के आदेश आखिर कार योगी सरकार ने दे दियें हैं। लेकिन इसके पीछे की कहानी भी कम दर्दनाक नही है।
लगभग डेढ़ महीने से भटक रहे संजीत यादव के परिवार ने पुलिस और सरकार के ढुलमुल रवैये को देखते हुये, बड़ा फैसला लिया। क्योंकि अब लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में असफल साबित हुई पुलिस पर परिजनों काे विश्वास नहीं रहा। इसलिये परिजन मजबूरी में रविवार को शास्त्री चौकी पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये।
धरने की जानकारी होते हैं मौके पर जिलाधिकारी डाॅ ब्रह्मदेव राम तिवारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ प्रीतिंदर सिंह पहुंचे और कुछ देर बाद विधायक सुरेंद्र मैथानाी और भगवती सागर भी आ गए। इस दौरान संजीत के परिजनों नेे कहा कि पुलिस की जांच पर उन्हे कतई भरोसा नहीं है इसलिए सीबीआई जांच कराई जाए। परिजनों को समझाते हुए डीएम व एसएसपी ने उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सीबीआइ जांच कराने को तैयार है और जिला प्रशासन प्रस्ताव भेज रही है। सीबीआइ जांच का आश्वासन मिलने के बाद पीड़ित परिवार ने धरना समाप्त कर दिया।
पुलिस के हाथ अभी तक संजीत शव नहीं लगा है तो वही फिरौती की रकम को लेकर भी संशय बना हुआ है। परिजनो को पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं रह गया है।