नई दिल्ली,आम चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी की आखिरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में ख़त्म हुई!इस अहम बैठक में ऐसे कई लोग भी पहुंचे जो पार्टी में पिछले चार सालों से ख़ासे विलुप्त दिखाई दे रहे थे! लेकिन पार्टी के ये दो सांसद वरुण गाँधी और शत्रुघ्न सिन्हा कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नही हुए।
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भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जहां मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह को चुनाव तक सेनापति बने रहने का दायित्व मिला और वहीं समापन के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजेय भारत,अटल भाजपा का नारा दिया! लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की तस्वीर 2018 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एक साथ ही दिखी!
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लेकिन इस प्रक्रिया में दो लोग ऐसे भी थे जो पार्टी से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से दूर रहे थे! जिनके बारे में भारतीय जनता पार्टी आज भी असमंजस में है! पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और सुल्तानपुर के सांसद और वरुण गाँधी! यह दो सांसद हैं जिनका पार्टी में भविष्य किसी को नहीं पता!
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जिस शाम अमित शाह राष्ट्रीय कार्यकारिणी में “बूथ जीतो, चुनाव जीतो” वाला मंत्र दोहरा रहे थे, उस समय शत्रुघ्न सिन्हा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बगल में बैठे हुए आम आदमी पार्टी की एक रैली में शिरकत कर रहे थे और सांसद वरुण गाँधी एक शाम पहले अम्बाला की एक यूनिवर्सिटी में छात्रों को युवा शक्ति पर भाषण दे रहे थे!
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देखा जाये तो शत्रुघ्न सिन्हा तो वे एक लंबे समय से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मंत्रीयो के ख़िलाफ़ कटाछ भरे तीर छोड़ने के साथ सरकार के ख़िलाफ़ बोलते रहे हैं!वहीं वरुण गांधी खुल कर तो कुछ नहीं बोलते लेकिन थोड़ा अलग-थलग ज़रूर दिखते रहे हैं! कुछ दिन पहले लखनऊ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में वरुण ने सरकारी नीतियों की धाज्जियाँ उड़ा दी थीं! देखा जाये तो भाजपा दोनों में से किसी के ख़िलाफ़ एक्शन लेकर उन्हें हीरो नहीं बनाना चाहती!
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जिसका निष्कर्ष यही निकलता है कि मौजूदा भाजपा में न तो शत्रुघ्न सिन्हा के लिए कोई ख़़ास जगह है और न ही शत्रुघ्न सिन्हा के दिल में मौजूदा भाजपा नेतृत्व के प्रति!लेकिन वरुण गाँधी के रवैये से हमेशा यही लगा है कि वे अपनी ही पार्टी की सरकार से नाख़ुश हैं!लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी!
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सवाल यह कि आखिरकार भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शत्रुघ्न सिन्हा और वरुण गांधी भाजपा की इस अहम बैठक में क्यों नहीं गए! अरविन्द केजरीवाल के साथ मंच पर बैठ कर शत्रुघ्न सिन्हा ने तो अपना जवाब फिर से देने की कोशिश की है! वही वरुण गांधी शायद अगले आम चुनावों तक अपने पत्ते न खोलने का मन बनाकर बैठे हैं!