आरक्षण और दलित अत्याचार को लेकर, आखिर अपनी पार्टी के खिलाफ क्यों उतरी बीजेपी सांसद
April 2, 2018
लखनऊ , बीजेपी सांसद ने आरक्षण और दलित अत्याचार को लेकर, अपनी पार्टी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।लखनऊ के स्मृति उपवन में आयोजित ‘संविधान व आरक्षण बचाओ’ रैली में बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब (डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर) की ही मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। इसके खिलाफ हमें लड़ना होगा।
बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने बड़ा साहस दिखाते हुये बीजेपी सरकार की दलित विरोधी नीतियों का खुलकर विरोध किया। सावित्री बाई ने कहा, ‘मैं पूछना चाहती हूं कि जो मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं, उन कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? एससी, एसटी और पिछड़ी जातियों की वेकंसी नहीं भरी जा रहीं हैं। कहा जा रहा है कि हम संविधान बदलने आए हैं। कभी कहते हैं कि समीक्षा की जाएगी और आरक्षण खत्म करेंगे।’
उन्होंने कहा कि आरक्षण संविधान मूल भावना के अनुरूप आज तक लागू नहीं हुआ। देश में 67 करोड़ लोग आज भी गरीब हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। पैर छू जाने पर दलितों की पीट-पीटकर हत्या की जा रही है। घोड़े की सवारी करने पर मौत के घाट उतारा जा रहा है। सावित्री बाई फुले ने सबसे पहले संविधान और आरक्षण को बचाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि आप सब लोग कसम खाएं कि बाबा साहब आंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए अपनी जान भी गंवानी होगी तो पीछे नहीं हटेंगे।
रैली के संयोजक अक्षयवर नाथ कनौजिया के वक्त्व्य से भी स्पष्ट है कि बीजेपी सरकार मे दलितों की स्थिति मे कोई परिवर्तन नही आया है, उल्टे उनके अंदर असुरक्षा की भावना भरी है। उन्होने कहा कि बाबा साहब ने जो दिया, उसे आज लोग छीनने का प्रयास कर रहे हैं। वे बाबा साहब के संविधान को बदलना चाहते हैं। आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। वे राजतंत्र लाना चाहते हैं। वो राजा रहेंगे और बहुजन प्रजा। अब बहुजन समाज को फैसला करना है। हमने ही गलती की है। अब यह गलती हमें सुधारनी है। रैली का आयोजन ‘नमो बुद्धाय जन सेवा समिति’ की ओर से किया गया था।
यह सच है कि आज दलितों के अंदर असुरक्षा की भावना बढ़ी है। गुजरात सहित कई राज्यों मे दलितों के साथ हिंसा, बाबा साहेब की मूर्ति तोड़ने की घटनाओं और संविधान बदलने की मंशा ने दलितों को विचलित किया है। साथ ही सरकार की इन मुद्दों पर चुप्पी ने दलितों के अंदर असुरक्षा की भावना और बीजेपी और आरएसएस के प्रति आक्रोश को बढ़ाने का काम किया है।