लखनऊ , समाजवादी पार्टी ने पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है? अमूमन समाजवादी पार्टी के प्रकोष्ठों मे फेरबदल चरचा का विषय नहीं बनतें हैं और इन्हे पार्टी प्रमुख की व्यक्तिगत् पसंद के तौर पर भी देखा जाता रहा है। तो फिर इस बार इतना हंगामा क्यों ?
दरअसल, इस बार इस फेरबदल के चर्चा मे आने के दो बड़े कारण हैं, एक उत्तर प्रदेश समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष लोटन राम निषाद और दूसरा उनके द्वारा दिया गया बयान? लोटन राम निषाद जमीन से जुड़े नेता हैं और सामाजिक न्याय के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उनके इन्ही गुणों को देखते हुये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हे समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद सौंपा था। लोटन राम निषाद ने अध्यक्ष बनते ही संगठन को मजबूती देने का काम किया और अपनी मेहनत से प्रदेश भर मे पिछड़ों को पार्टी से जोड़ने की मुहिम शुरू कर दी। उन्हे अपने इस कार्य मे काफी सफलता भी मिली।
इसी बीच अपने एक बयान में लोटन राम निषाद ने भगवान श्रीराम को काल्पनिक चरित्र बता दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह फिल्मों में काल्पनिक चरित्र होता है। वैसे ही श्रीराम भी थे। उन्होंने कहा कि संविधान भी मान चुका है कि राम जैसा कोई नायक भारत में पैदा ही नहीं हुआ था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सपा का नेतृत्व धर्म को लेकर किसी भी बयान से बचना चाहता है और विवादास्पद बयानबाजी कर पार्टी की छवि को खराब करने वालों को बख्शा नहीं दिया जायेगा।
भगवान श्रीराम के अस्तित्व को काल्पनिक बताने वाले लोटन राम निषाद को समाजवादी पार्टी ने पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सोमवार को बताया कि उत्तर प्रदेश समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष लोटन राम निषाद के स्थान पर विधान परिषद सदस्य डा राजपाल कश्यप को नामित किया जाता है। उन्होने कहा कि यह फैसला पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की सहमति के बाद लिया गया है।