मायावती को क्यों यह दलित युवा नेता दे रहा है बड़ी चुनौती ?

नयी दिल्ली, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को अपनी राजनैतिक पूंजी अब खिसकती हुयी नजर आ रही है। उनको यह चुनौती कोई और नही बल्कि उनकी ही दलित बिरादरी का ही युवा नेता दे रहा है।

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने इन दिनों मायावती की नींद उड़ा रखी है। जमीनी आंदोलन और संघर्ष से निकला यह नेता स्वाभाविक रूप से दलित युवाओं के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। जहां मायावती बंद कमरों मे राजनीति करतीं हैं वहीं , चंद्रशेखर आम दलितों के मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरने मे विश्वास रखतें हैं।

अभी मायावती ने जहां नागरिकता संशोधन कानून और नागरिक पंजीकरण रजिस्टर परअपना विरोध जहां केवल बयान देकर दर्ज कराया वहीं,चंद्रशेखर खुलकर दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में नागरिकता संशोधन कानून और नागरिक पंजीकरण रजिस्टर ;एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने पहुंचे और गिरफ्तारी भी दी।

मायावती ने इस के लिए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर की आलोचना करते हुए कहा कि यह दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक फायदा लेने का प्रयास है।

सुश्री मायावती ने ट्वीट कर कहाकि चंद्रशेखर अपने राजनीतिक स्वार्थों के कारण बसपा विरोधी पार्टियों के हाथों में खेल रहे हैं। वह जानबूझकर उन राज्यों में विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं जहां बसपा मजबूत स्थिति में है।

बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि श्री चंद्रशेखर बसपा के वोटो को प्रभावित करने के लिए जबरन जेल जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री चंद्रशेखर यूपी के रहने वाले हैं लेकिन वह सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में प्रदर्शन में शामिल होकर जबरन अपनी गिरफ्तारी दी है।

सुश्री मायावती ने कहा कि चंद्रशेखर के ये प्रयास दिल्ली विधानसभा चुनाव में फायदा लेने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोगों को ऐसे संगठनों, तत्वों एवं व्यक्तियों से दूर रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कभी पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।

वैसे मायावती का चंद्रशेखर से भयभीत होना स्वाभाविक है। सबसे बड़ी बात है कि चंद्रशेखर भी मायावती की बिरादरी जाटव से ही आतें हैं और उन्हे अपनी जाति बताने मे फख्र भी महसूस करतें हैं। उनका द ग्रेट चमार के नारे ने जाटव युवाओं को बहुत आकर्षित किया है। इसके अलावा चंद्रशेखर अपनी लगातार बढ़ती राजनैतिक गतिविधियों से न केवल जाटवों बल्कि दलित और पिछड़े समाज को भी प्रभावित कर रहें हैं, जो मायावती के लिये बड़ा खतरा है।

Related Articles

Back to top button