नयी दिल्ली , देश मे एक अनोखी प्रयोगशाला बनायी गयी है, जिससे देश की कोरोना महामारी से लड़ने की क्षमता बढेगी। यह प्रयोगशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के सुरक्षा मानकों के अनुरूप तैयार की गयी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच करने में सक्षम एक मोबाइल अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला का आज वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से उद्घाटन किया।
यह प्रयोगशाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ईएसआईसी अस्पताल हैदराबाद और निजी उद्योग के साथ मिलकर केवल 15 दिन में विकसित की है। सामान्य तौर पर इस तरह की प्रयोगशाला को तैयार करने में कम से कम छह महीने का समय लगता है।
श्री सिंह ने इस मौके पर कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए समय रहते कई महत्वपूर्ण कदम उठाये जिससे इस वायरस के संक्रमण का प्रकोप भारत में अनेक देशों की तुलना में कम है। यह प्रयोगशाला एक दिन में एक हजार से भी अधिक नमूनों की जांच करने में सक्षम है और इससे देश की कोरोना महामारी से लड़ने की क्षमता बढेगी। यह प्रयोगशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के सुरक्षा मानकों के अनुरूप तैयार की गयी है। इस प्रयोगशाला में जांच के साथ साथ प्लाजमा थेरेपी और अन्य गतिविधि भी की जा सकती हैं और इसे जरूरत के अनुसार देश में कहीं भी ले जाया जा सकता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सश्स्त्र बलों ने क्वारंटाइन केन्द्रों की स्थापना , लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने और दूसरे देशों में फंसे नागरिकों को स्वदेश लाकर कोरोना के खिलाफ चलाये जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान में मदद की है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
इस मौके पर गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार, तेलंगाना सरकार के कुछ मंत्री और अधिकारी तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेडडी भी मौजूद थे।