पुरानी पेंशन को लेकर, अटेवा ने सड़क से संसद तक गरमाया मुद्दा, विजय ’’बन्धु’’ का तूफानी अभियान
August 8, 2018
लखनऊ, पुरानी पेंशन के लिए प्रदेश और देश में लगातार संघर्षरत अटेवा ने अपने चरणबद्ध आंदोलन को और तेज कर दिया है। इसी कड़ी में पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आॅल टीचर इम्लाईज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ‘‘बन्धु’’ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने विभिन्न राजनैतिक दलों के सांसदों एवं नेताओं से मुलाकात की।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ‘‘बन्धु’’ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने नई दिल्ली में संसद सत्र के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों के सांसदों एवं नेताओं से मुलाकात की और पुरानी पेंशन बहाली के लिए अपील की। उन्होने पेंशन व्यवस्था को लेकर विभिन्न राजनैतिक पार्टियों और उनके नेताओं का रूख जानना चाहा।अधिकांश सांसद पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शिक्षकों/कर्मचारियों के मत से सहमत दिखे और पार्टी स्तर पर अपने रूख को जल्द स्पष्ट करने की बात कही। प्रतिनिधिमण्डल में विजय कुमार बन्धु के साथ डा0नीरजपति त्रिपाठी, मंजीत सिंह, डा0राजेष यादव, अभिनव सिंह राजपूत, आकिल अख्तर, पवन यादव आदि शामिल रहे।
प्रतिनिधिमण्डल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद जयराम रमेश, भाजपा के राजीव प्रताप रूड़ी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, टीएमसी के एस0राय, सपा के विषम्भर प्रसाद निषाद, राजद के मनोज झा, शिवसेना के संजय राउत, वरिष्ठ सांसद शरद यादव, राजीव बिष्वाल (उडीसा) सहित कई दलों के नेताओं से पुरानी पेंशन बहाली के लिए दलों की सीमाओं को तोड़कर लगभग 50 लाख शिक्षकों/कर्मचारियों एवं उनसे जुडे 2.50 करोड़ लोगों के हित के लिए एक ऐतिहासिक फैसला करने की अपील की।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए सभी पार्टियों से एक सर्वदलीय बैठक कर तत्काल निर्णय लिये जाने का अनुरोध किया जिस पर कई नेताओं ने सहमति जताई।अटेवा के प्रदेश महामंत्री डा0एन0पी0त्रिपाठी एवं दिल्ली प्रभारी मंजीत सिंह ने बताया कि पेंशन के मुद्दे पर कई दलों के सांसदों ने सदन में मुद्दा उठाया है हम उन्हें साधुवाद देते हैं और साथ ही चेतावनी दी कि यदि इस पर तत्काल विचार नहीं किया गया तो 26 अक्टूबर 2018 को देशभर के सांसदों के आवास पर 1 दिन का सामूहिक उपवास पेंशनविहीन कर्मचारी करेगा।यदि उसके बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो 26 नवम्बर 2018 को संसद भवन का घेराव किया जायेगा।